द लीडर। देश में हिजाब विवाद का मामला अभी थमा नहीं है। वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने कर्नाटक के एक कॉलेज प्रशासन पर हिजाब पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों को प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया।
महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर आरोप लगाया कि, लड़कियों को शिक्षित करने का उसका नारा खोखला है क्योंकि मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक और खोखला नारा है
उन्होंने ट्वीट किया कि, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक और खोखला नारा है। मुस्लिम लड़कियों को सिर्फ उनकी पोशाक के कारण शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। मुसलमानों के हाशिए पर जाने को वैध बनाना गांधी के भारत को गोडसे के भारत में बदलने की दिशा में एक और कदम है।
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मुस्लिम छात्राओं के लिये ड्रेस कोड संबंधी आदेश पर कटाक्ष करते हुए अब्दुल्ला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती और भोपाल से लोकसभा सदस्य प्रज्ञा ठाकुर की तस्वीरे पोस्ट की, जिसमें हिजाब पहने हुए मुस्लिम छात्राओं की भी एक तस्वीर है।
उन्होंने ट्वीट किया, किसी व्यक्ति को क्या पहनना है। इसके चुनाव के लिये वह स्वतंत्र हैं। आप उनकी पसंद को पसंद या नापसंद कर सकते हैं, लेकिन यह हम सभी का अधिकार है। अगर जन प्रतिनिधि भगवा वस्त्र पहन सकते है, तो ये लड़किया भी हिजाब पहन सकती हैं मुसलमान दोयम दर्जे के नागरिक नहीं हैं।
दोनों नेताओं ने मीडिया में आयी उन खबरों पर यह प्रतिक्रिया दी है, जिनमें कहा गया है कि, कर्नाटक के कुंडापुरा में एक कॉलेज ने हिजाब पहनकर आयी मुस्लिम छात्राओं को प्रवेश करने से रोक दिया।
खबरों में यह दावा भी किया गया है कि, दक्षिणपंथी समूह के साथ संबद्धता का दावा करने वाले गुंडे मुस्लिम छात्राओं की पोशाक पर आपत्ति जताते हुए कॉलेज के अंदर घुस गए।
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