पीएम के स्वतंत्रता दिवस भाषण की मायावती ने की आलोचना, कहा- सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से…

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द लीडर हिंदी : कल 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले के प्राचीर से देश को संबोधित किया था. पीएम मोदी ने अपने भाषण में UCC समेत कई अहम मुद्दों पर बड़ा बयान दिया था.जिनकी अब आलोचना हो रही है.उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कल स्वतंत्रता दिवस के भाषण की आलोचना की है. मायावती का कहना है कि पीएम का भाषण दलितों और आदिवासियों के मुद्दों के लिहाज़ से निराश करने वाला है.

एक एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा, “पीएम का 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल क़िले से दिया गया भाषण काफी लम्बा-चौड़ा था, लेकिन करोड़ों दलितों व आदिवासियों के आरक्षण आदि के हक की रक्षा के मामले में अत्यन्त निराशाजनक है.”मायावती के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट के एक अगस्त के फ़ैसले के बाद यह मुद्दा सबसे अहम है.एक और पोस्ट में मायावती ने लिखा कि, “इस बारे (दलितों और आदिवासियों) में भाजपा सांसदों को दिया आश्वासन भी पीएम को याद नहीं रहा, जबकि देश के एससी-एसटी वर्गों को ऐसा ही जातिवादी रवैया अपनाने की कांग्रेस से भी बड़ी शिकायत है.”उन्होंने कहा, “इस पार्टी (कांग्रेस) ने भी इनके उपवर्गीकरण व उन्हें बांटने पर भाजपा की तरह ही अभी तक चुप्पी साध रखी है, जो अनुचित है.”

दरअसल मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि इस बारे में भाजपा सांसदों को दिया आश्वासन भी पीएम को याद नहीं रहा, जबकि देश के SC-ST वर्गों को ऐसा ही जातिवादी रवैया अपनाने की कांग्रेस से भी बड़ी शिकायत, क्योंकि इस पार्टी ने भी इनके उपवर्गीकरण व उन्हें बांटने पर भाजपा की तरह ही अभी तक चुप्पी साध रखी है, जो अनुचित.बता दें पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता लागू करना और भेदभावपूर्ण सांप्रदायिक नागरिक संहिता को खत्म करना समय की मांग है.उन्होंने कहा “हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूसीसी को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं. क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं.वह सिविल कोड सचमुच में एक सांप्रदायिक और भेदभाव करने वाला सिविल कोड है.https://theleaderhindi.com/pm-modi-met-olympic-players-said-this-for-vinesh-phogat/