THE LEADER. तब जबकि देशभर के बड़े होटलों से लेकर क्लबों तक और घरों में 2023 को अलविदा और आने वाले साल 2024 का इस्तक़बाल किए जाने की तैयारी जोश-ओ-ख़रोश से हो रही है. यूपी के ज़िला बरेली से जश्न के ख़िलाफ़ आवाज़ उठी है. इस सुझाव के साथ कि मुसलमान लड़के और लड़कियां नये साल के जश्न से दूर रहें, वरना फिर उन्हें रोका जाएगा.
आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी कहते हैं कि नये साल का जश्न मनाना नाजायज़ है. शरीयत इसकी इज़ाज़त नहीं देती. यह ख़ुराफ़ात का काम है. फ़िज़ूल ख़र्ची है. यूरोपियन कल्चर है. इसे आगे बढ़ाना हमारे उसूलों के ख़िलाफ़ है. यह अल्लाह से नाराज़गी का सबब होगा. शरीयत में इसको मना फ़रमाया गया है. लिहाज़ा मुसलमान लड़के-लड़कियां जश्न नहीं मनाएं. सोचें कि हमारा एक साल कम हो गया. यह जश्न का सबब नहीं हो सकता.
मौलाना ने चेतावनी दी है कि अगर मुस्लिम लड़के-लड़कियों ने नये साल का जश्न मनाया तो हमारी अगुवाई वाली आल इंडिया मुस्लिम जमात सख़्त क़दम उठाएगी. मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी कहते हैं कि नये साल का जश्न मनाना ख़ुराफ़ात का काम है. अगर ऐसा करने की हमें कहीं से इत्तेला मिलती है तो फिर हमारी जमात के लोग मुस्लिम नौजवानों को सख़्ती से रोकेंगे. जहां भी जश्न में मुस्लिम लड़के-लड़कियां शामिल होंगे, वहां पहुंचेंगे. हम मजबूर होंगे ऐसा करने के लिए. बहरहाल क़ानूनन किसी को जश्न मनाने से रोका जा सकता है या नहीं, यह अलग बात है. अब अगर मुस्लिम जमात के लोग रोकते हैं तो देखने वाली बात होगी. क्या लोग मानेंगे या फिर टकराव का सबब भी बनेगा. पुलिस पहले ही नये साल को लेकर अलर्ट है. नये साल के आयोजनों पर नज़र रखने के लिए थानों को निर्देशित कर दिया गया है. हुड़दंग रोके जाने की पूरी तैयारी है.