बरेली लौटे मौलाना तौक़ीर रज़ा, बोले-दो नेताओं ने कराया दंगा

द लीडर हिंदी : उधर केजरीवाल की गिरफ्तारी. इधर मौलाना की वापसी. देश की राजनीति में महाभूचाल ले आई. काफी दिनों से फरार चल रहे मौलाना तौकीर रजा भी घर लौट आएं है. हाईकोर्ट से फौरी राहत मिलने के बाद इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा बृहस्पतिवार को अपने घर पहुंचे.मौलाना ने रात दरगाह आला हज़रत के पास आवास पर प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान मौलाना ने खाड़ी देश भागने की बात को लेकर मीडिया के सामने नाराजगी जताई.उन्होंने अपनी गैरमौजूदगी को लेकर सफाई दी और कहा कि भागे नहीं थे, कालीकट गए थे. वहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं आ रहा था. मौलाना ने कहा कि वह कोर्ट का सम्मान करते हैं, हाईकोर्ट के आदेश अनुपालन में 27 मार्च को ट्रायल कोर्ट में हाजिर होंगे.

रात करीब साढ़े 11 बजे मौलाना तौकीर रजा ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि पहला समन जब जारी हुआ तो उन्हें जानकारी नहीं थी.पता लगने तक दो गैर जमानती वारंट जारी हो चुके थे.वही समन की भाषा से लगा कि मेरे खिलाफ साजिश की गई है.प्रवीण सिंह ऐरन और राजेश अग्रवाल को मौलाना ने जिम्मेदार ठहराया है .

इस दौरान उन्होंने कोर्ट पर टिप्पणी करते हुए स्थानीय नेताओं पर गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि समन की भाषा से यह साफ जाहिर था कि सांप्रदायिक शक्तियां प्रभावी हो गई हैं.कहा कि अपने देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं.

इस दौरान मौलाना सरकार और मीडिया पर भी भड़के दिखाई दिये.मौलाना तौकीर रजा ने सरकार पर भी सवाल उठाए कि वह कार्यपालिका के जरिये देश में बेइमानी और सांप्रदायिकता फैलाने का काम कर रही है.वह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता को भी बर्बाद करने पर तुली है.

मौलाना यहीं नहीं उन्होंने कहा लोकतंत्र के आखिरी किले न्यायपालिका पर भी दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. बतादें मौलाना की तलाश में चार राज्यों में बरेली पुलिस की दस टीम लगातार शहरों व कस्बों को मथ रही थीं.वही दो सीओ के नेतृत्व में दबिशें स्थानीय स्तर पर भी चल रही थीं.इसके बाद भी पुलिस मौलाना का पता नहीं लगा सकी थी. 2010 बरेली दंग के मास्टर माइंड करार दिये जाने के बाद मौलाना फरार चल रहे थे.इस दौरान पुलिस मौलाना का पता नहीं लगा सकी थी.

मौलाना की तलाश में चार राज्यों में बरेली पुलिस की 10 टीमें लगातार शहरों व कस्बों को मथ रही थीं. दो सीओ के नेतृत्व में दबिशें स्थानीय स्तर पर भी चल रही थीं. इसके बाद भी पुलिस मौलाना का पता नहीं लगा सकी थी. लेकिन कल रात खुद मौलाना बरेली अपने आवास लौट आए.आपको बतादें कि मौलाना की दंगे की जांच रिटायर जज से कराने की मांग.

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Abhinav Rastogi

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