बीजेपी के निशाने पर मौलाना तौकीर रजा, इशारों ही इशारों में कह दी गिरफ्तारी की बात -पढ़ें ये खबर

द लीडर हिंदी : अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने 5 मार्च मंगलवार को IMC प्रमुख मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को बरेली के 2010 दंगे का मास्टर माइंड मानते हुए समन जारी किया था और 11 मार्च को कोर्ट में तलब किया है. इसे लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष और यूपी के पूर्व वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने रामपुर गार्डन स्थित अपने निवास पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई. इसमें इशारों ही इशारों में बता दिया कि मौलाना तौकीर रज़ा पर क्या कार्रवाई होने जा रही है. बोले- मेरी जानकारी में है कि थाना प्रेमनगर में इनका अरेस्ट वारंट रखा है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

बीते दिनों मौलाना तौक़ीर रज़ा के जेल भरो आंदोलन के बाद श्यामतगंज में हुए टकराव पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर अधिकारियों को भी आड़े हाथ लिया. बोले- निश्चित रूप से कोर्ट अपना काम करेगा. सरकार भी एेसे ही स्वत: संज्ञान लेकर उन पर कार्रवाई करें, जिन लोगाें ने इसे रोक रखा है.

बता दें बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने मौलाना तौकीर रजा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बसपा सरकार के दबाव में तौकीर रजा एक रात बिताकर जेल से बाहर आ गये.

बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने आज (बुधवार) प्रेस कांफ्रेंस कर मौलाना तौकीर रजा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि 2010 में बरेली को दंगों की आग में झोंकने का काम किया था. बीजेपी नेता ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने चंद घंटों में रिहाई मिल गई थी. अब बरेली कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मौलाना तौकीर रजा को तलब किया है.

जानिए पूरा मामला
बता दें विवादित बयानों के जरिये सुर्खियों में बने मौलाना तौकीर रजा खान की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है. मार्च 2010 में तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण के बाद दंगा हुआ था. दंगे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सैकड़ों दुकानों, पुलिस चौकी, पेट्रोल पंप, सब्जी मंडी को आग के हवाले कर दिया था. वहीं दंगे के दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने हिंदुओ के घरों में लूटपाट और आगजनी भी की थी.

दरअसल, बरेली शहर को दंगे की आग में झोंकने वाले तौकीर रज़ा का विवादो से पुराना नाता रहा है और हमेशा भड़काऊ बयानों को लेकर वे सुर्खियों में रहते है. दंगे के बाद बरेली शहर में 27 दिन कर्फ्यू लगा रहा था. तत्कालीन बसपा सरकार के वक्त अधिकारियों की लापरवाही के चलते तौकीर रजा को छोड़ना पड़ा था.

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अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने इस मामले में अब तौकीर रजा को मास्टरमाइंड मानते हुए 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया है. डीजीसी सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि यह पूरा मामला 2010 का है. जस्टिस रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में यह पूरा मामला विचाराधीन है. कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर दंगे के मामले में फ़ाइल को देखने के बाद तौकीर रज़ा को तलब किया है. 11 मार्च को पेश होने को कहा है.

Abhinav Rastogi

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