द लीडर : आला हजरत खानदान के चश्मो चिराग मौलाना तौकीर रजा खां एक राजनीतिक शख्सियत हैं. उनकी पार्टी ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) ने यूपी विधानसभा चुनाव की कमर कस ली है. आइएमसी के 20 साल के इतिहस में ऐसा पहली बार है, जब मौलाना ने बरेली मरकज के सियासी होने का ऐलान किया है. इस बात पर जोर देते हुए कि, जिस तरह मुसलमान, रूहानी मरकज होने के नाते बरेली की बात मानते हैं, उसी तरह सियासत को लेकर भी जो हुक्म जारी होगा. उस पर अमल करना पड़ेगा. (Maulana Tauqeer UP Election)
पीलीभीत के शेरपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा कि, दरगाह आला हजरत यानी मरकज़-ए-अहले सुन्नत रुहानियत का मरकज़ (केंद्र) है. अब सियासत का भी मरकज होगा. इसकी वजह ये बताई कि, जब तक मुसलमान राजनीतिक रूप से मजबूत नहीं होंगे. तब, तक कौम के हालात नहीं बदलने वाले.
मौलाना की शेरपुर जनसभा से दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण बात सामने आई है. वो है समाजवादी पार्टी पर उनका हमलावर होना. मौलाना ने कहा कि चुनाव से पहले मुसलमान सपा-सपा गा रहे हैं. लेकिन उसकी हक़ीक़त से नावाक़िफ़ हैं. (Maulana Tauqeer UP Election)
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इल्ज़ाम लगाया कि सबसे ज़्यादा दंगे समाजवादी पार्टी की सरकार में ही हुए हैं और फिर मुसलमानों को ही पकड़कर जेलों में बंद किया गया. रामपुर से सांसद आजम खान को लेकर दुहाई दी कि, जो पार्टी उनकी नहीं हुई. वो, मुसलमानों तुम्हारी क्या होगी. बोले-जिस तरह से आजम खान पर बकरी चोरी, किताबें चोरी के मामले दर्ज हुए. अगर सपा सड़क पर उतरकर उनका विरोध करती, तो शायद ऐसा नहीं होता.
बसपा की सरकार में अपने खिलाफ कुछ मामले दर्ज होने का हवाला देते हुए कहा कि उस वक्त मेरे खानदान और समर्थक प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आए थे. तो प्रशासन को मामले वापस लेने पड़ गए. आजम खान के मामले में सपा भी ऐसा कर सकती थी. लेकिन नहीं किया. मौलाना ने सैफई महोत्सव को अय्याशी का महोत्सव तक कह डाला.
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी और आइएमसी के बीच गठबंधन की कोशिशें चल रही थीं. दोनों पार्टी के नेताओं के बीच बातचीत भी हुई. लेकिन अब जितने तल्ख तेवरों के साथ मौलाना सपा पर हमलावर नजर आ रहे हैं. उससे इतना तो साफ है कि भविष्य में आइएमसी और सपा दोनों की राहें अलग होंगी. दिसंबर के आखिर तक अधिकारिक रूप से इसका ऐलान भी हो जाएगा कि मौलाना किसके साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे. (Maulana Tauqeer UP Election)
हाल में मौलाना को दिल का दौरा पड़ा था. तबीयत ठीक होने के बाद ये उनकी पहली जनसभा थी. और इसमें वह काफी आक्रमक नजर आए. अपने बारे में कहा कि अब तो जो भी सांसें बची हैं, उसमें मिल्लत के लिए कोई बड़ा काम कर जाऊं. बस यही एक ख़्वाहिश बची है.