मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी पंजाब के नए शाही इमाम, जानिए कितना ताकतवर है परिवार

0
1841
Usman Rahmani Shahi Imam
मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी के सिर पंजाब के शाही इमाम का सेहरा बांधते उलमा.

द लीडर : पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी के इंतकाल के उनके बड़े बेेटे मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी जामा मस्जिद के नए इमाम (Shahi Imam Punjab) नियुक्त हुए हैं. शाही अंदाज में ही उनकी दस्तारबंदी हुई. जिसमें पंजाब की तमाम राजनीतिक हस्तियों के अलावा मजहबी शख्सियतें हाजिर रहीं. चीफ इमाम के तौर पर मशहूर डॉ. इमाम उमैर इलियासी ने उनकी दस्तारबंदी की. (Usman Rahmani Shahi Imam)

पंजाब के नए इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी पिछले 20 सालों से नायब इमाम की जिम्मेदारी निभाते रहे हैं. सहारनपुर की मजाहिर उलूम यूनिवर्सिटी से स्नातक के साथ इतिहास में पीएचडी हैं. और लुधियाना की तारीख पर पंजाबी जुबान में दास्तान-ए-लुधियाना, किताब लिखी है. शाही इमाम पहले से ही सर्व-धर्म संभाव के मजबूत हिमायत रहे हैं.

शाही इमाम की दस्तारबंदी कार्यक्रम.

सनद रहे कि अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं. राजनीतिक दल धर्म और जाति के आधार पर अपनी चालें चल रहे हैं. बेशक ये एक शानदार दस्तारबंदी का आयोजन था. लेकिन इसके बहाने सियासी हनक और ताकत का मुजाहिरा भी देखने को मिला. जिससे पंजाब चुनाव को अलग नहीं रखा जा सकता है.


इसे भी पढ़ें –राजनीति बदलने का दम भरने वाली ‘आप’ ने धर्म और राष्ट्रवाद का चोला ओढ़ लिया, आम आदमी की समस्या ‘आपकी’ नहीं


 

बहरहाल, मरहूम मौलाना हबीब-उर-रहमान की ये वसीयत थी कि बड़े बेटे को शाही इमाम की जिम्मेदारी सौंपी जाए. सो, उस पर अमल हुआ. अपने खिताब (संबोधन) में नव नियुक्त शाही इमाम मुहम्मद उस्मान रहमानी ने कहा- ”मैं, अपने पिता के अधूरे कामों को पूरा करने की कोशिश करूंगा. सभी मजहबों का सम्मान करते हुए राज्य और देश में अमन-शांति के लिए मिलकर साथ चलेंगे.”

देश के चीफ इमाम के तौर पर मशहूर मौलाना उमैर अहमद इलियासी ने पूर्व शाही इमाम को याद करते हुए कहा कि, ”उन्होंने सभी धर्मों के साथ मिलकर दुनिया को इंसानियत का पैगाम दिया है. ठीक वैसे ही मौलाना उस्मान रहमानी भी उनके बताए रास्ते पर चलकर देश और समाज की सेवा करेंगे.” (Usman Rahmani Shahi Imam)

पंजाब के नए शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहहमानी (बीच में)

गुरुद्वारा दुख निवारण के अध्यक्ष प्रितपाल सिंह ने शाही इमाम को सम्मानित किया. और भरपूर सहयोग का यकीन दिलाया है. कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू की बीवी, ममता आशू ने शाही इमाम परिवार की, देश की आजादी में भूमिका याद दिलाई. उन्होंने कहा कि पूर्व इमाम हमारे दिलों में जिंदा हैं.

इस दौरान पीर जी हुसैन अहमद बूढ़िया, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व मंत्री हीरा सिंह गाबड़िया, विधायक कुलदीप सिंह, विधायक बलविंदर सिंह बैंस, विधायक सिमरजीत सिंह, पूर्व विधायक रणजीत सिंह ढिल्लो, मेयर बलकार सिंह संधू और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण, मुफ्ती इरतका उल हसन के अलावा और सैकड़ों लोग मौजूद रहे.

पंजाब के 9वें इमाम हैं उस्मान रहमानी

शाही इमाम परिवार का जंगे-आजादी में अहम योगदान है. मौलाना अब्दुल्ला वली लुधियानवी ने साल (1760 से 1810) तक पंजाब के पहले शाही इमाम की जिम्मेदारी निभाई थी. उनके बाद मौलाना हाफिज अब्दुल्ला वारिस (1810-1825) तक इमाम रहे.

मौलाना शाह अब्दुल कादिर (1825-1860) तक और मौलाना शाह मुहम्मद (1860-1903) और मौलाना शाह मुहम्मद जकरिया (1903-1926) तक इमाम रहे. मौलाना हबीब उर रहमान (1926-1956) तक और मौलाना मुहम्मद मुफ्ती अहमद रहमानी (1956-1987) तक मौलाना हबीब उर रहमान सानी (1987-2021) तक शाही इमाम पंजाब रहें हैं. (Usman Rahmani Shahi Imam)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here