द लीडर : फिलिस्तीन पर ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की खामोशी पूरी दुनिया को हैरान कर रही है. खासतौर से मुसलमानों को. वो इसलिए क्योंकि इजराइल येरुशलम के शेख जर्राह पर जबरन अतिक्रमण करना चाहता है. इसीलिए कत्लेआम पर आमदा है. मुस्लिम देशों की इस चुप्पी की जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि हमारे मतभेद और चुप्पी ने ही एेसे कृत्यों को बढ़ावा दिया है. मुस्लिम मुल्क अपनी खामोशी बनाए रखती हैं तो ये मुद्दा केवल फिलिस्तीन की सरहदों तक सीमित नहीं रहेगा. अगर मुस्लिम देश अभी भी नहीं जागे तो काफी देर हो जाएगी.
इजराल पर फिलिस्तीन की बर्बरता जारी है. हवाई हमलों में लगभद 200 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जिसमें 50 से अधिक बच्चों की मौत हुई है. मासूम बच्चों की लाशें गोद में उठाए फिलिस्तीनी चीखते-चिल्लाते देखे-सुने जा रहे हैं. और दुनिया से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा था कि अगर इसे नहीं रोका गया तो बड़ी मानव त्रासदी होगी. भारत ने भी दोनों पक्षों से हिंसा रोके जाने की अपील की है.
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इस सबके बीच चंद मुस्लिम देशों को छोड़कर बाकी सब खामोश है. यही चुप्पी मौलाना अरशद मदनी को भी अखर रही है. और उन्होंने कहा कि इजराइल उत्पीड़ित और वंचित फिलिस्तीनियों का जीने का अधिकार छीन रहा है. इस पर विश्व बिरादरी और मानवाधिकार संस्थाएं क्यों खामोश हैं?
हकीकत ये है कि इस समय इजराइल वंचित, असहाय और निहत्थे फिलिस्तीनियों पर शातिराना कार्रवाई कर रहा है. इसलिए क्योंकि दुनिया और खासतौर से मुस्लिम देश चुप्पी साधे बैठे हैं और उसकी अमानवीय करतूतों को देख रहे हैं.
मौलाना ने कहा कि दुनिया ऐतिहासिक तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकती है और न ही उसके नकार सकती है. वो ये कि इजराइल विस्तारवादी नीति वाला ऐसा देश है जो हिंसक रूप से फिलिस्तीन की भूमि हड़पना चाहता है. उसके कुछ शक्तिशाली देशों का समर्थन हासिल है. ये प्रक्रिया तब से और तेज हुई है, जब से उसने मुस्लिम देशों के साथ मित्रता बढ़ाई है.
मौलाना अरशद मदनी कहते हैं कि अगर सभी मुस्लिम देश फिलिस्तीन के हक में संयुक्त रणनीति बनाएं. उन तमाम परिस्थितियों का आकलन कर, उसके महत्व और गंभीरता को समझते हुए. तो इजराइल फिलिस्तीनियों पर अत्याचार करने की हिमाकत नहीं कर पाएगा.
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मौलाना ने कहा कि अल अक्सा मस्जिद में नमाज अदा करते नमाजियों पर इजराइल ने जो जुल्म किया है. वो निंदनीय है. उसके इस कृत्य के खिलाफ मुस्लिम देशों को डटकर एक साथ खड़े होने की जरूरत है. मौलाना ने अपने संदेश में मुस्लिम देशों को ये पैगाम देने की कोशिश की है कि अगर फिलिस्तीन पर इसी तरह की उनकी बेरुखी बनी रही तो दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी मुसमलानों पर अत्याचार बढ़ेंगे. इसलिए ये वक्त की जरूरत है कि वे एकजुटता दिखाकर मानवता पर होने वाले हर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाएं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने येरुशलम की ओल्ड सिटी स्थित हरम अल शरीफ के बारे में कहा है कि लाखों भारतीयों के दिलों में इसकी खास जगह है. और हम ये अपील करते हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल का सम्मान किया जाना चाहिए.
फिलिस्तीन को लेकर भारतीय मुस्लिम और लोकतंत्र व मानवाधिकारों के समर्थक लगातार इजराइली हिंसा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. ट्वीटर पर इंडिया विथ फिलिस्तीन हैशटैग के साथ रोजाना हजारों ट्वीट किए जा रहे हैं. हालांकि ट्वीटर पर भारत से इजराइल के समर्थन में भी ट्वीट किए जा रहे हैं. लेकिन भारत के फिलिस्तीन को समर्थन जताए जाने के बाद से इजराइली समर्थकों की आलोचना भी की जा रही है.