द लीडर : मौलाना अब्दुर्रब आजमी को उत्तर प्रदेश जमीयत उलमा-ए-हिंद का अध्यक्ष चुना गया है. अमरोहा जामा मस्जिद, मदरसा इस्लामिया में एक मजलिस में उनका इंतखाब किया गया है. चयन प्रक्रिया में जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी, बतौर ऑब्जर्वर शामिल हुए. (Jamiat Ulama Hind UP)
जमीयत उलमा-ए-हिंद के धार्मिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद मुहम्मद अफ्फान अंसारी ने चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत की. उन्होंने मौलाना अब्दुर्रब आजमी का नाम अध्यक्ष पद के लिए नामित किया. जिस पर सभी ने अपनी रजामंदी का इजहार किया.
इसके साथ ही शाहजहांपुर के प्रोफेसर नोमान, मुफ्ती बिन्यामीन मुजफ्फरनगर, मौलाना अमीनुल हक कानपुर को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई. सैयद मुहम्मद हसीन हाशमी खाजिन चुने गए.
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चयन प्रक्रिया के बाद मौलाना महमूद मदनी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा-संगठन किसी भी कौम के इज्जत से जिंदगी जीने का प्रतीक है. मुसलमानों के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनका उन्हें सामना करना है. लेकिन ख्याल रहे कि मायूस होने या गुस्सा करने की जरूरत नहीं है. (Jamiat Ulama Hind UP)
जरूरत इस बात की है कि हमें नई नस्ल की अच्छी शिक्षा-तालीम देनी है. उनके ईमान को बचाने के लिए धार्मिक शिक्षा दें, और दुनिया में अच्छी जिंदगी बसर करने के वास्ते आधुनिक तालीम दिलाएं. यानी बच्चों को स्कूल के साथ मकतब में भेजें. जहां वह अपने दीन के बारे में जानकारी हासिल करें.
जमीयत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने संगठन की चुनाव प्रक्रिया और संचालन को सराहा. अपने संबोधन में कहा कि मौजूदा हालात में मस्जिदों की सुरक्षा के लिए दूरगामी तरीकों की जरूरत है. जिस पर हम सभी को गौर करना चाहिए.
जमीयत के सर्कुलर की ओर ध्यान खींचा. कार्यकारी समिति के सदस्य मौलाना कारी शौकत अली ने भी मजलिस को संबोधित किया. मौलाना अब्दुल रहमान ने दुआ की. इस दौरान जमीयत के बरेली सदर मुफ्ती मुहम्मद अबू जफर नोमानी अल कासमी आदि मौजूद रहे. (Jamiat Ulama Hind UP)