द लीडर : पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और एक केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की कुल 822 विधानसभा सीटों पर मतगणना रविवार को सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है.
शुरुआती रुझान में बंगाल में टीएमसी को बहुमत मिलती दिख रही है. असम और पांडुचेरी में बीजेपी, केरल में एलडीएफ और तमिलनाडु में डीएमके की सरकार बनती दिख रही है.
इस दौरान कोविड-19 नियमों का कड़ाई से पालन होगा.इस बार कुल 2364 केंद्रों में मतगणना की जाएगी. साल 2016 में मतगणना केंद्रों की कुल संख्या 1002 थी, मगर इस साल कोरोनावायरस के चलते मतगणना केंद्रों की संख्या को बढ़ा दिया गया है.
बंगाल के नतीजों पर पूरे देश में सबसे अहम होंगे. यहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में सीधा मुकाबला होने की संभावना है. मतगणना के लिए 822 निर्वाचन अधिकारियों और 7000 से अधिक सहायक निर्वाचन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट के निर्देशानुसार मतगणना की सभी तैयारियां पूरी की है.
विजय जुलूस पर लगी रोक
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए चुनाव आयोग की ओर से मतगणना के बाद सभी तरह की विजयी जुलूसों पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा चुनाव आयोग ने मतगणना की तैयारियों को लेकर भी सख्त दिशानिर्देश दिए हैं. मतगणना केंद्र के बाहर भीड़ पर रोक लगाई गई है. जीत का प्रमाणपत्र लेने के लिए जाने वाला विजेता उम्मीदवार केवल दो लोगों के साथ ही जा सकेंगे. बगैर RT-PCR टेस्ट के किसी भी पोलिंग एजेंट को मतगणना केंद्र पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्हें पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा.
बंगाल की 252 सीटों पर फैसला आज
बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में मतदान हुए थे. निर्वाचन आयोग ने मतों की गिनती के लिए विस्तृत तैयारियां कर ली है. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते मतगणना में स्वास्थ्य नियमों एवं शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन किया जाएगा. बंगाल विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे कुल 2,116 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करीब 15 राउंड की मतगणना के बाद होगा.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि मतगणना प्रक्रिया में शामिल लोगों के लिए केंद्र के बाहर मास्क, फेस शिल्ड और सेनिटाइजर रखे होंगे. प्रत्येक केंद्र को मतगणना के दौरान कम से कम 15 बार सेनीटाइज किया जाएगा. इसके लिए विशेष व्यवस्था पूरी कर ली गई है.