उत्तर प्रदेश सरकार बच्चों के लिए हमेशा से सजग रही है, लेकिन कई महीनो से बच्चों के प्रति शिक्षकों की क्रूरता बढ़ती जा रही थी. जिको ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुल चुके है और स्कूलों में पढाई भी शुरू हो गयी है. आपको बता दे यूपी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अब शिक्षक डांट भी नहीं सकते हैं. वही नए शैक्षणिक सत्र के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए है. जिसका पालन प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को करना होगा, साथ ही बच्चों के हिट में कई और भी नियम बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा बनाये गए है. आइयें इस लेख में आपको बताते है.
यूपी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ऐसा नियम जो बच्चों के प्रति शिक्षकों की ओर से होने वाली हिंसा को रोकने के लिए बेहद कारगर होगा, आपको बता दे प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के लिए विभाग ने एक निर्देश लागू किया है जिसमे शिक्षकों की तरफ से बच्चों को किसी भी प्रकार का शारीरिक व मानसिक दंड नहीं दिया जाएगा. यहाँ तक बच्चों को डांटना, स्कूल परिसर में दौड़ाना, चिकोटी काटना, थप्पड़ मारना, घुटनों के बल बैठाना, क्लास रूम में अकेले बंद करना और इसके साथ बच्चों को प्रताड़ित करना प्रतिबंधित किया गया है. वही नए सत्र में बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसका पालन सभी प्राथमिक विद्यालयों को करना होगा
स्कूलों में होगा शिकायत फोरम
विभाग की तरफ से बच्चों की सलामती के लिए सभी प्राथमिक विद्यालयों में व्यापक प्रचार-प्रसार से बच्चों को बताया जाएगा कि वह शारीरिक दंड का विरोध करके अपनी बात स्कूल, छात्रावास, जेजे होम्स, बाल संरक्षण गृह में एक फोरम के जरिये कर सकेंगे. वही हर स्कूल में एक शिकायत पेटिका होगी, जहां छात्र अपनी शिकायत एक कागज पर लिख कर उसमे दाल सकेंगे और अभिभावक शिक्षक समिति नियमित रूप से इन शिकायतों की सुनवाई करेंगे और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाई भी करेंगे. बता दे मुख्यमंत्री ने नई शिक्षा नीति को लेकर रविवार को बैठक की थी. उसके बाद सीएम ऑफिस से ये दिशा-निर्देश जारी किए गए.जो बच्चों की बेहतरी के लिए बेहद आवश्यक है.
शिक्षकों को दी जाएगी आवश्यक ट्रेनिंग
महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि किसी भी बच्चे के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा. साथ ही प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके अधिकारी के प्रति जागरूक किया जाएगा. वही बच्चों के लिए जो माॅड्यूल बनाए गए है, उसकी ट्रेनिंग शिक्षकों को भी जल्द से जल्द दी जाएगी.