कुम्भ से देश भर में फैल रहा कोरोना, 84 संत संक्रमित, दो महामंडेश्वर की मौत

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द लीडर हरिद्वार।

अब तो सरकार और संत भी मान रहे हैं कि कुम्भ से लौट रहे नेता ही नहीं संत और भक्त भी कोरोना लेकर जा रहे हैं। प्रधानमंन्त्री औऱ जूना अखाड़े के आचार्य की अपील में भी कहीं इसकी स्वीकारोक्ति है।
जबलपुर में नरसिंह मंदिर के प्रमुख महामंडलेश्वर जगतगुरु डॉक्टर स्वामी श्याम देवाचार्य महाराज की कोरोना की वजह से मौत हो गई। वह कुंभ मेले में शामिल होने के लिए हरिद्वार गए और वहीं संक्रमित हुए थे। महामंडलेश्वर ने कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज़ लगवाई थी. बावजूद इसके वह कोविड पॉजिटिव पाए गए और आज उनकी मौत हो गई। इससे चित्रकूट से कुंभ में आये महामंडलेश्वर स्वामी कपिल देव की देहरादून के अस्पताल में मौत हो गई थी।

शुक्रवार को कुछ पत्रकारों ने साधुओं के डेरे देखे जहां कई संत खांसते मिले।ये चिलम की खांसी नहीं थी वे बीमार थे। इनमें से ज्यादातर की जांच नहीं हुई । कुछ प्रमुख संतों ने ही स्वेच्छा से जांच कराई है । यही सब देख कर अखाड़े एक एक कर पीछे हट रहे हैं।

शनिवार को जूना अखाड़े के आचार्य अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी फोन पर बातचीत हुई है। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले के बारे में पूछा, साधु-संतों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और मेले में चल रही धार्मिक गतिविधियों के बारे में भी पूछा।
उन्होंने बताया कि गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा व छत्तीसगढ़ में कोरोना बहुत ज्यादा फैल रहा है। संभवत वहां से कुछ संक्रमित लोग कुंभ स्नान करने के लिए आए होंगे और उनकी वजह से कुछ संक्रमण यहां पर फैल गया है।

जूना अखाड़े के आचार्य अवधेशानंद महाराज

कुंभनगरी में कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी समेत करीब 34 संत संक्रमित मिले। अब तक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि समेत करीब 83 से अधिक संत-महात्मा कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। शनिवार को अखाड़ों के 500 से अधिक साधु-संतों सहित 20,110 की कोविड जांच रिपोर्ट लंबित है।
बढ़ते कोरोना मरीजों की जांच को व्यवस्था पूरी नहीं पड़ रही है। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग हरिद्वार में रोजाना 50 हजार कोविड जांच ही नहीं कर पा रहा। 10 अप्रैल से अखाड़ों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा। 14 अप्रैल को जूना, निरंजनी, आह्वान और नाथ संप्रदाय के नौ, 15 अप्रैल को जूना निरंजनी और आह्वान के नौ संत संक्रमित पाए गए, जबकि 16 अप्रैल को निरंजनी अखाड़े के 34 संतों के कोरोना संक्रमित होने की सूचना मिली। इससे पहले 10, 11, 12 और 13 अप्रैल को विभिन्न अखाड़ों के 31 संत कोरोना संक्रमित पाए गए थे।

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