जानिए आखिर क्यों नाराज हुई दिल्ली अपने त्रिवेंद्र से?

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Uttarakhand Trivandra Ddhan Singh

द लीडर. मंत्रियों और विधायकों ही नहीं कई पार्टी नेताओं की शिकायतों के बावजूद दिल्ली की मेहरबानी त्रिवेंद्र को महफूज रखे हुए थी लेकिन इस बार दिल्ली ज्यादा ही नाराज लगती है। पर्यवेक्षक रमन सिंह पार्टी नेताओं के मन की बात सुन रहे हैं। विधायकों के अलावा भाजपा सांसद भी बुला लिए गए हैं। संभवतया रविवार तक कोई फैसला आ सकता है।

विधान सभा सत्र के दूसरे तीसरे दिन कुछ भाजपा विधायकों के तीखे सवालों से सरकार असहज हुई तो भनक दिल्ली तक गई। दीवाली खाल में वाटर केनन के प्रहार और लाठीचार्ज में कई महिलाएं घायल हुईं। 27 को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके बाद के जनाक्रोश को भी दिल्ली देख रही है।

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इस बीच गैरसैण को कमिश्नरी बना कर उत्तराखंड की खास पहचान अल्मोड़ा को उसमें शामिल करने पर कुमाऊं के विधायक भी भड़क गए। चर्चा थी कि दो दर्जन से अधिक भाजपा विधायक वित्त विधेयक पर विरोध जता सकते हैं और सदन में सरकार की किरकिरी हो सकती है। इस बात को आलाकमान ने ज्यादा गंभीरता से लिया।

इस बीच झारखंड के एक व्यक्ति की शिकायत पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामले में भी 10 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। हाइकोर्ट इस मामले में पहले ही सीबीआई जांच का आदेश दे चुका है। त्रिवेंद्र के सुप्रीम कोर्ट में जाने से इस आदेश पर अमल रुका है।

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कुल मिला कर चुनाव से एक साल पहले किसी संभावित बड़ी फ़ज़ीहत से बचने के लिए भाजपा आलाकमान नेतृत्व परिवर्तन का फैसला ले सकता है। भाजपा का बागी खेमा उत्साह में दिख रहा है और नये नेता के रूप में एक बार फिर अनिल बलूनी का नाम लिया जा रहा है।

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