द लीडर हिंदी : भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के बिगड़े हालात के बीच हजारों की तादाद में बांग्लादेशी हिंदू अपना घर और देश छोड़कर भारत आना चाहते हैं. हजारों की तादाद में हिंदू समुदाय के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूद हैं.वो बंगाल के कूचबिहार के सितालकुची में करीब 1000 बांग्लादेशी जलाशय में खड़े होकर बीएसएफ से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें भारत में प्रवेश की इजाजत दी जाए.
जहां उनके मुल्क में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद भी अभी वहां हिंसा का दौर जारी है. वही इसी बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर बयान दिया है. उन्होंने कहा ‘भारत में शरण देना समाधान नहीं. इसके साथ ही हिमंत बिस्वा सरमा ने उन्होंने कहा, “अभी हालात एकदम ठीक नहीं है और वहां की स्थिति चिंतनीय है.
हमारा विश्वास है कि प्रधानमंत्री ज़रूर बांग्लादेशी सरकार के साथ काम करेंगे.इस दौरान ”हिमंत बिस्वा सरमा से सवाल पूछा गया कि राहुल गांधी अल्पसंख्यकों की बात करते हैं लेकिन हिंदू शब्द का इस्तेमाल नहीं करते जबकि हिंदू बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हैं.इस पर उन्होंने कहा, “जो कांग्रेस का परिवार है उन्होंने ग़ज़ा के लिए कई बार ट्वीट किया. ग़ज़ा के अल्पसंख्यकों के लिए धरना प्रदर्शन किया, हंगामा किया. ग़ज़ा में जो हुआ वो आतंकी गतिविधी थी. लेकिन बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए कांग्रेस ने कितनी बार ट्वीट किया, धरना प्रदर्शन किया? ”असम के सीएम ने बयान दिया, “कांग्रेस ने यह साबित कर दिया है कि दुनिया में अग़र कहीं मुसलमानों को तक़लीफ़ होगी तो वे हैं लेकिन अग़र हिंदुओं को कोई तक़लीफ़ है तो वे नहीं है. इनका मक़सद केवल हिंदुओं को जातियों में तोड़ना है.”बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे में बयान देते हुए उन्होंने कहा कि वहां के हिंदुओं को भारत में शरण देना समाधान नहीं है. उनको बांग्लादेश में ही पूरी सुरक्षा के साथ रखना पूरा समाधान है.
भारत सरकार जो फ़ैसला करेगी असम भी उसका पालन करेगा. हिंदूओं की आबादी पर बयान देते हुए हिमंत ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 33 फ़ीसदी से घटकर 8 फ़ीसदी हो गई है. हमारे यहां भी उसी हिसाब से हिंदुओं की संख्या घटी है. बांग्लादेश में 13 फ़ीसदी हिंदू कम हुए हैं और असम में 9 फ़ीसदी हिंदू घटे हैं. बांग्लादेश से सटे हुए हर एक इलाक़े में हिंदुओं की संख्या कम होती जा रही है.https://theleaderhindi.com/the-situation-in-bangladesh-is-getting-worse-now-the-protesters-surrounded-the-supreme-court-put-forward-this-big-demand/