द लीडर हिंदी : वजन बढ़ने के बहुत से कारण होते हैं और हममें से ज्यादातर उन कारणों से वाकिफ होते हैं. हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि कोई गलती न करने के बावजूद वजन बढ़ता ही चला जाता है.वजन बढ़ना एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति का मोटापा इतना ज्यादा बढ़ जाता है जिसका असर सेहत पर भी बुरा पड़ता है. और जिदगी पर भी. ज्यादातर महिलाएं में मोटापा बढ़ता है.
जिस कारण वो काफी परेशान रहती है. गलत डाइट लेने से लेकर फिजिकल एक्टिविटी न करने तक वजन बढ़ने के बहुत से कारण होते हैं.जो हम इग्नोर करते है. भारत में मोटापा एक महत्वपूर्ण, सार्वजनिक चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह गैर-संचारी रोगों (नॉन कम्युनिकेबल डिजीज) के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है, जिसके कारण देश में सालाना 5.87 मिलियन मौतें होती हैं.
हाल ही में हेक्साहेल्थ के अध्ययन में पता चला है कि बेंगलुरु में युवाओं में मोटापे के मामले सबसे तेजी से बढ़े हैं और यहां 20 वर्ष से कम उम्र की मेट्रो युवा आबादी में सहरुग्णता की दर सबसे अधिक है. बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में 1000 मोटापे से ग्रस्त युवाओं पर किए गए अध्ययन में, बेंगलुरु के 20 वर्ष से कम उम्र के 15 प्रतिशत युवाओं में एक से अधिक सहरुग्णता देखी गई है.
26-35 वर्ष की आयु तक, दिल्ली (36 प्रतिशत) और मुंबई (41 प्रतिशत) के युवाओं में अन्य बीमारियां विकसित होने के साथ सह-रुग्णता बढ़ गई हैं. हेक्साहेल्थ अध्ययन में 26 वर्ष की आयु के बाद से दीर्घकालिक जोड़ों के दर्द और हाई ब्लड प्रेशर में वृद्धि देखी गई है. 26 से 35 वर्ष की आयु के बीच सहरुग्णता (अधिक रोगों की उपस्थिति) की संख्या चार गुना बढ़ा है. वही 36 से 45 वर्ष की आयु सीमा में प्रवेश करने के बाद सहरुग्णता की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.