जानिए कितना खतरनाक है निपाह वायरस, जिसने ली 14 साल के नाबालिग की जान

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द लीडर हिंदी : देश में कोरोना के बाद निपाह वायरस की एंट्री हुई है. केरल में 14 साल के लड़के में निपाह संक्रमण पाया गया. केरल में निपाह वायरस का ये पांचवां केस सामने आया है. मलप्पुरम में 14 वर्षीय एक किशोर में निपाह वायरस की पुष्टि होने से सूबे में जहां संभावित वायरस के प्रकोप को लेकर अलर्ट जारी है.इसी बीच खबर मिली की संक्रमित मिले 14 वर्षीय लड़के की रविवार को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वह वेंटिलेटर पर था. इसके बाद सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है.

वहीं नाबालिग के संपर्क में आए लोगों के बचाव के लिए केरल ने पुणे एनआईवी से आस्ट्रेलिया से खरीदी गई. मोनाक्लोनल एंटीबॉडी मंगाई है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि निजी अस्पताल में निपाह वायरस का इलाज करा रहे बालक की मौत हो गई. केरल में सितंबर 2023 के बाद इस संक्रमण का मामला फिर से सामने आया था.स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बालक 12 मई को निजी क्लीनिक में इलाज कराने पहुंचा था. 15 मई को उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उसे पेरिंथलमन्ना के निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया. यहां भी ठीक न होने पर बालक को कोझिकोड के निजी अस्पताल में भेजा गया.

वहीं बालक की मौत के बाद केरल सरकार ने एहतियाती उपाय लागू करने शुरू कर दिए हैं. कान्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है. इसके साथ ही उच्च जोखिम वाले संपर्क को आइसोलेट कर दिया गया है. उनके नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछली बार आस्ट्रेलिया से मोनाक्लोनल एंटीबॉडी खरीदी गई थी, जिनको पुणे एनआईवी में रखा गया था, वे आज केरल पहुंच जाएंगीं. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने मंजेरी मेडिकल कॉलेज में 30 आइसोलेशन वार्ड और छह बिस्तरों वाला आईसीयू बनाया गया है. मलप्पुरम में एक कॉल सेंटर और कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है. मंत्री ने बताया कि वायरस से निपटने के लिए पुणे एनआईवी ने पिछली बार की तरह मोबाइल लैब देने की बात कही है.

जानिए क्या है निपाह वायरस?
बताते चले कि निपाह वायरस (NiV) जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है. इसे जूनोटिक डिजीज कहा जाता है.ये चमगादड़ों और सुअर से इंसानों में फैल सकता है. यह वायरस बुखार, उल्टी, सांस की बीमारी और मस्तिष्क में सूजन का कारण बन सकता है.