कज़ाख राष्ट्रपति ने सैनिकों से कहा: ‘प्रदर्शनकारी आतंकवादी हैं, बिना चेतावनी फायर झोंक दो’

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कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायव ने शुक्रवार को ऐलानिया कहा कि उन्होंने सेना और अन्य सशस्त्र बलों को ईंधन कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बिना किसी चेतावनी के गोली चलाने का निर्देश दिया है। राष्ट्र के नाम टेलीविज़न संबोधन में टोकायव ने यह बात कही। उन्होंने कुछ अन्य देशों से मिली प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की सलाह और अपील को “बकवास” करार दिया। टोकायव ने कहा, “अपराधियों-हत्यारों के साथ क्या बातचीत की जा सकती है?” (Kazakh President Tells Soldiers)

टोकायव के अनुसार, तकरीबन 20 हजार हथियारबंद लोगों ने अल्माटी शहर पर हमला किया। उन्होंने कहा कि इन हथियारबंद दंगाइयों को एक केंद्र ने प्रशिक्षित किया था और हमले का खाका बनाया था। अगर इन आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया तो उनका सफाया कर दिया जाएगा।

राष्ट्रपति ने अशांति भड़काने के लिए “तथाकथित” स्वतंत्र “मीडिया” और “विदेशी एजेंटों” पर भी ठीकरा फोड़ा। उन्होंने और कानून व्यवस्था का उल्लंघन होने पर निश्चित सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी।

टोकायव ने रूसी गठबंधन वाले शांति मिशन सैनिकों के समय पर पहुंचने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को धन्यवाद दिया। साथ ही यह भी कहा कि सीएसटीओ बल सीमित समय के लिए ही देश में रहेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि दंगे भड़कने से पहले अधिकारियों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की मांगों के बारे में पता था। सुधारों की घोषणा करते हुए कहा कि वह 11 जनवरी को देश की संसद में मौजूदा संकट पर बयान देंगे।

देश में बड़े पैमाने पर विरोध जनवरी की शुरुआत में शुरू हुआ, जब नागरिक पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में सड़कों पर उतर आए। (Kazakh President Tells Soldiers)

अशांति बाद में पड़ोसी शहरों में भी फैल गई। प्रदर्शनकारियों और सरकारी बलों के बीच झड़प से प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। इस बीच कुछ वाहन और इमारतें आग के हवाले कर दी गईं। पुलिस के साथ भिड़ंत हिंसक लड़ाई में तब्दील हो गई।

कजाकिस्तान की पुरानी राजधानी और सबसे बड़े शहर अल्माटी में सैकड़ों लोग महापौर कार्यालय और पुराने राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो सरकारी बलों और प्रदर्शकारियों के बीच जानलेवा जंग शुरू हो गई। खासतौर पर तब जब राष्ट्रपति ने उन्हें आतंकवादी बता दिया। (Kazakh President Tells Soldiers)

प्रदर्शनकारियों ने अल्माटी एयरपोर्ट पर भी कब्जा कर दिया और तेल क्षेत्र की अहम इकाइयों की घेराबंदी शुरू कर दी। पुलिस के हाथ से हालात निकलने पर टोकायव ने पहले तो तेल के दाम नीचे करने की बात कही, इसी के साथ रूस के नेतृत्व वाले सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) से सहायता का अनुरोध किया।

सीएसटीओ ने तुरंत कूच किया और फिर प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी शुरू हो गई। अब तक दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों घायल हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथों भी दर्जनभर सुरक्षा अधिकारियों के मारे जाने का दावा किया गया है।


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