कासगंज : चांद मियां ने 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दी तहरीर, अल्ताफ की हत्या का अंदेशा

द लीडर : उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस हिरासत में मारे गए अल्ताफ के पिता चांद मियां ने पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआइआर दी है. जिन पर अपने बेटे अल्ताफ की हत्या किए जाने का अंदेशा जताया है. इसमें कासगंज के पुलिसकर्मी वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, जागेश मिश्रा, चंद्रेश गातम, विकास कुमार, धनेंद्र सिंह, सौरभ सोलंकी और कुछ अज्ञात शामिल हैं. (Kasganj Altaf Muder Doubt)

चांद मियां ने अपने तहरीर में कहा है कि 8 अक्टूबर को पुलिसकर्मी जागेश मिश्रा के साथ कुछ लोग हमारे घर आए थे. एक केस के सिलसिले में वो अल्ताफ से पूछताछ करना चाहते थे. इसलिए उन्हें घर से थाने ले गए. इस बीच जब हमने बेटे से मिलने की कोशिश की तो मिलने नहीं दिया गया. और 9 नवंबर को अल्ताफ की मौत की खबर दी.

चांद मियां ने कहा कि, पुलिसकर्मी जागेश मिश्रा के साथ अल्ताफ को लेने हमारे घर जो तीन अज्ञात लोग आए थे. उनमें से एक ने जाते-जाते अल्ताफ का गला काटने की धमकी दी थी. एसपी को संबोधित तहरीर में चांद मियां ने आरोपियों के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज किए जाने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अल्ताफ की मौत के बाद पुलिस ने उन्हें डिटेन कर लिया था.


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अल्ताफ की मौत कासगंज थाने में हुई थी. एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे का इस संबंध में एक बयान है कि, अल्ताफ ने अपने जैकेट के नाड़े से टोंटी में फांसी लगा ली. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां मौत हो गई. (Kasganj Altaf Muder Doubt)

अल्ताफ 21 साल के जवान थे. नाड़े से टोंटी में लटककर फांसी लगाने का पुलिस का तर्क, किसी के गले नहीं उतर रहा है. इसलिए इस मौत पर को लेकर तमाम सवाल उठे हैं. शुरुआत में अल्ताफ के पिता चांद मियां ने बेटे की हत्या का आरोप लगाया था. लेकिन बाद में पुलिस ने उनसे एक इकरारनामा ले लिया कि उनका बेटा अवसाद में था. उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है. भविष्य में भी वो कोई कार्रवाई करना नहीं चाहते हैं.

ये इकरारनामा सामने आने के बाद कई एक्टिविस्ट और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और नेता कासगंज पहुंचे. और चांद मियां को इंसाफ की उम्मीद जगाई. तब उन्होंने घटना के 5वें दिन तहरीर देने की हिम्मत दिखाई है. (Kasganj Altaf Muder Doubt)

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के शोध स्कॉलर और एक्टिविस्ट फहाद अहमद ने भी कासगंज जाकर चांद मियां से मुलाकात की. उन्होंने परिवार से पूरा मामला जाना. फहाद अहमद के मुताबिक, अल्ताफ घरों में टाइल्स लगाने का काम करते थे.

जिस लड़की को कथित रूप से भगाने के आरोप में अल्ताफ को हिरासत में लिया गया था. उस लड़की के घर भी अल्ताफ ने टाइल्स लगाई. इस दौरान लड़की से जरूरत भर की बोलचाल भी हुई. लेकिन जब लड़की भागी तो उसके वाले अल्ताफ के घर पहुंच गए. और इसी मामले में पुलिस ने अल्ताफ को हिरासत में ले लिया. बाद में सब जानते हैं कि थाने से उनकी लाश मिली.

फहाद सवाल उठाते हैं कि अगर अल्ताफ लड़की को भगाते तो वो अपने घर क्यों मिलते? सामान्य सी बात है कि जो लड़का, किसी लड़की को भगाएगा तो कम से कम वो घर पर आराम से तो नहीं बैठेगा. (Kasganj Altaf Muder Doubt)


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अल्ताफ की मौत आत्महत्या है या हत्या. इस पर ढेरों सवाल हैं. पुलिस ने मौत की जो कहानी बताई है. उसमें भी झोल है. इसलिए इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की जा रही है.

जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अल्ताफ का केस लड़ने का फैसला किया है. उधर बॉम्बे हाईकोर्ट के एक वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की है. (Kasganj Altaf Muder Doubt)

 

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Ateeq Khan

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