द लीडर : समाज सभ्यता के किस स्तर पर जा पहुंचा है. और उसमें धर्म की बुनियाद पर नफरत का किस क़दर ज़हर भरा है. कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में आज-कल हिजाब को लेकर जो कुछ हो रहा है. उसको गौर से देखिए. अंदाजा हो जाएगा. मुसलमानों से नफ़रत के आधार पर स्कूल-कॉलेजों का स्टॉफ हद दर्जे की बदतमीजी पर उतर आया है. सार्वजनिक तौर पर महिला टीचर और छात्राओं के बुर्के-हिजाब उतरवाए जा रहे हैं. पास में खड़ा स्टॉफ बेशर्मी से हंस भी रहा होता है. (Hijab Row Muslim Girls)
पुलिस-प्रशासन को तो छोड़ ही दीजिए. ये हश्र शिक्षण संस्थानों का है. जिन पर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की जिम्मेवारी है. लेकिन नफ़रत में चूर ये टीचर हो हर रोज मुस्लिम समाज की लड़कियों को ज़लील कर रहे हैं. उनके मौलिक और धार्मिक अधिकारों का तमाशा बना रहे हैं.
बुधवार को कर्नाटक के शिवमोगा, उडुप्पी, टुमकुरु, विजयवाड़ा समेत दूसरे ज़िलों के कॉलेजों में हिजाब पहनकर पहुंचीं छात्राओं को कॉलेजों में एंट्री नहीं दी. कई कॉलेजों की छात्राएं फिर मायूस होकर लौट गईं. उडुप्पी में तंगर आकर छात्राओं ने ये तय कर लिया कि अब वे तभी पढ़ाई करने आएंगी, जब हाईकोर्ट का फैसला आ जाएगा. (Hijab Row Muslim Girls)
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उधर कोडागु में 38 छात्राओं ने हिजाब उतारकर कॉलेज में प्रवेश से इनकार कर दिया. इसलिए क्योंकि प्रिंसिपिल ने ये शर्त रखी कि वे हिजाब उतारकर अंदर आ सकती हैं. शिवमोगा के एक सरकारी हाईस्कूल के प्रिंसिपल ने तर्क दिया कि वो हाईकोर्ट के आदेशों का पालन कर रहे हैं. इसलिए हिजाब में छात्राओं को पढ़ाई की अनुमति नहीं है.
आपको बता दें कि हिजाब को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. अदालत की फुल बेंच मामले को सुन रही है. लेकिन इस बीच कॉलेजों ने छात्राओं की कैंपस में एंट्री ही बंद करना शुरू कर दिया है. (Hijab Row Muslim Girls)
तब, जबकि स्कूल-कॉलेजों में परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं या होने वाली हैं. इससे छात्राओं की पढ़ाई-लिखाई तो प्रभावित हो ही रही है. उनमें मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ रहा है. लेकिन उनके शिक्षकों पर इसका कोई असर नहीं है.
कर्नाटक में पिछले दिसंबर महीने से हिजाब को लेकर बवाल मचा है. पहले उडुप्पी के पीयू कॉलेज ने हिजाब वाली 8 छात्राओं की क्लास में एंट्री रोकी. उसके बाद ये सिलसिला कर्नाटक के कई ज़िलों में शुरू हो गया. और पूरे देश में फैलने लगा है. छात्राएं हिजाब के साथ पढ़ाई की मांग कर रही हैं. संवैधानिक अधिकारों का हवाला दे रही हैं. बुधवार को यूपी के गाजियाबाद में हिजाब को लेकर प्रदर्शन कर रहीं कुछ महिलाओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की भी ख़बरें सामने आई हैं.
इस सबके बावजूद ये लड़ाई जारी है, जिसे छात्राएं खुद लड़ रही हैं. कर्नाटक में हिजाब वाली मुस्कान को जिस तरह से भगवा गमछाधारियों ने घेरकर डराने की कोशिश की थी. और उसके जवाब में मुस्कान का जो रिएक्शन आया. वो इस पूरी लड़ाई को हौसला दे रहा है. हालांकि सबसे नज़रे कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर लगी हैं. मुस्कान समेत सभी छात्राएं अदालत से इंसाफ की आस लगाए हैं. (Hijab Row Muslim Girls)