द लीडर हिंदी : देश भर में जहां नीट-यूजी मामले में बड़े पैमाने पर हुई धांधली का मुद्दा जोरों पर है.वही इसी बीच पश्चिम बंगाल और तमीलनाडु के बाद अब कर्नाटक विधानसभा ने यूजीसी- नीट परीक्षा प्रणाली को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है. कर्नाटक विधानसभा ने गुरुवार को आगामी जनगणना के आधार पर लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन, एक देश-एक चुनाव और राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) के खिलाफ प्रस्तावों को मंजूरी दी .
प्रस्ताव में कहा गया है कि नीट परीक्षा प्रणाली “गरीब ग्रामीण छात्रों के चिकित्सा शिक्षा के अवसरों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है. प्रस्ताव में कहा गया है कि मौजूदा व्यवस्था राज्य सरकारों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश देने के अधिकार से वंचित करती है. इसलिए इसे समाप्त किया जाना चाहिए.इस दौरान स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने पत्रकारों से कहा, “तमिलनाडु और तेलंगाना समेत दक्षिण के राज्यों का केंद्र सरकार पर निष्पक्ष परीक्षा को लेकर भरोसा खत्म हो गया है.
यही कारण है कि हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार नीट परीक्षा प्रणाली को खत्म करे.”प्रस्ताव में कहा गया है: “केंद्र सरकार को तुरंत कर्नाटक को इस परीक्षा से छूट देनी चाहिए और यूजीसी-नीट परीक्षा में हो रही अनियमितताओं को देखते हुए राज्य द्वारा आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देना चाहिए.