रायबरेली के एक गांव में खुला ‘काढ़ा कैफे’

रायबरेली।  कोरोना वायरस से जिंदगियां बचाने के लिए रायबरेली में खुले आसमान के नीचे ‘काढ़ा कैफे’ खोला गया है। सीसीडी की कॉफी के लिए आपको भारी रकम चुकानी होती है, जबकि यहां ‘काढा कैफे’ का काढ़ा बिल्कुल मुफ्त है। कोरोना काल में काढ़े की अहमियत जान चुके लोग इसे खूब चाव से पी रहे हैं।

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तीसरी लहर को देखते हुए खोला ‘काढ़ा कैफे’

यह कैफे खोला गया है सतांव ब्लॉक के लोहड़ा गांव में। हास्य कवि पंकज प्रसून वैसे तो अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों के होठों पर मुस्कान लाते हैं, लेकिन ज़िन्दगी की मुस्कान के लिए यह उनका अभिनव प्रयोग है। काढ़ा कैफे की शुरुआत करने वाले पंकज प्रसून कहते हैं कि, यह कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रख कर शुरू किया गया है।

 जिंदगी बचाने के लिए है ये काढ़ा कैफे

गांव के किसी भी कोने में पेड़ की छांव में एक मेज़,गैस का चूल्हा,पैन और काढ़े की सामग्री वाला यह कैफे भले सज्जा की दृष्टि से आधुनिक न हो, लेकिन ज़िन्दगी बचाने वाला ज़रूर है। प्रसून कहते हैं कि, इस तरह के 10 कैफे वाली चेन खोलने के लिए यह पहले कैफे की शुरुआत है।

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मुफ्त में लोगों को दिया जाता है काढ़ा

उन्होंने कहा कि, कोई ताज्जुब नहीं कि, उनकी यह मुहिम देश भर के गांव में फैल जाए जो एक दूसरे से प्रेरित होकर अलग-अलग लोग अपने यहां शुरुआत करें। यहां मिलने वाला काढ़ा मुफ्त है और खास मिट्टी के कुल्हड़ में सर्व किया जाता है।

आयुष मंत्रालय के मानकों पर आधारित है काढ़ा

इस काढ़े में इस्तेमाल होने वाली सामग्री आयुष मंत्रालय के मानकों पर आधारित है और गर्मा गर्म ही सर्व की जाती है।पंकज प्रसून कहते हैं कि, यह ‘आओ गांव बचाएं’ मुहिम के तहत ग्रामीण इलाकों को कोरोना से महफूज़ रखने की पहल है।

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‘गांव बचाओं अभियान’ के तहत किया गया शुभारंभ

रायबरेली जिले के लोढ़ा गांव में रविवार को शुरू हुए इस कैफे के मालिक लखनवीं कवि और केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) के तकनीकी अधिकारी पंकज प्रसून हैं। इसका शुभारंभ कोविड-19 से गांव बचाओ अभियान के तहत की गई है।

अन्य गांवों में भी ऐसे 10 कैफे खोले जाएंगे

प्रसून ने कहा कि, गांव के कोविड केयर एंड हेल्प सेंटर में यह कैफे खोला गया है। औषधीय जड़ी बूटियों से बना काढ़ा कैफे में मुफ्त में परोसा जाएगा। अब अन्य गांवों में भी ऐसे 10 कैफे खोले जाएंगे।

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मौसम के अनुसार बदल जाएगा काढ़े का नुस्खा

प्रसून ने कहा कि, शुभारंभ के दौरान ग्रामीणों को स्टीम इनहेलर भी बांटे गए। उन्होंने कहा कि, मौसम की स्थिति के अनुसार काढ़ा का नुस्खा भी बदल जाएगा।

गर्मी के कारण कुछ मसाले बाहर

उन्होंने कहा कि, शरीर के तापमान को बढ़ाने वाले कुछ मसालों को गर्मियों में बाहर रखा जा रहा है। हम विशेषज्ञों की सलाह पर ऐसा कर रहे हैं।

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सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है रायबरेली

बता दें कि, रायबरेली कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान रायबरेली में भी बड़ी संख्या में कोरोना के मामले सामने आए थे।

indra yadav

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