जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष बनाए गए, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला

0
330

लखनऊ | जयंत चौधरी अब राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष होंगे। पिता चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद उन्हें कमान देने का फैसला लिया गया है। मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग के दौरान जयंत चौधरी को अध्यक्ष चुने जाने का फैसला हुआ।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में प्रभाव रखने वाली आरएलडी के मुखिया रहे चौधरी अजित सिंह का 6 मई कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था। इसके बाद से ही यह पद खाली था, जिसे अब उनके बेटे ने ही संभाला है। इससे पहले जयंत चौधरी उपाध्यक्ष के तौर पर पार्टी का कामकाज देख रहे थे।

यह भी पढ़े – ‘टूलकिट’ मामले में अब राहुल गांधी भी कूदे, बोले- ‘सत्य डरता नहीं’

कौन हैं जयंत चौधरी ?

यह भी पढ़े – Patanjali की डेयरी यूनिट के हेड सुनील बंसल की कोरोना से मौत

जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के सदस्य हैं, जिन्होंने मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा चुनाव जीता था। वे 2014 के चुनाव में अभिनेत्री हेमा मालिनी से हार गए।

राजनीतिक घटनाक्रम

2019
2019 के लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी बागपत से खड़े हुए, लेकिन भाजपा के डा. सत्यपाल सिंह ने उन्हें करीब 23 हजार 5 सौ वोटों से हराया।

2014
वे मथुरा सीट से भाजपा की हेमा मालिनी धर्मेंद्र से तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गए।

यह भी पढ़े – Cipla ने लॉन्च की नई RT-PCR टेस्टिंग किट, आज से घर बैठे ही करें Covid टेस्ट

2009
वे मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से 15 वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे जहाँ उन्होंने भाजपा के श्याम सुंदर शर्मा को 1.5 लाख मतों के अंतर से हराया था।

2009
उन्हें सदस्य, कृषि संबंधी समिति और सदस्य, नैतिकता संबंधी समिति नियुक्त किया गया।

यह भी पढ़े – 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा तूफान, कल से यूपी में दिखेगा ‘यास’ का असर !

चौधरी चरण सिंह की विरासत को बढ़ाएंगे आगे

चौधरी अजित सिंह ने 2014 में बागपत सीट से चुनाव हारने के बाद जयंत चौधरी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया था और उन्हें उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। तब से ही वह पार्टी से जुड़े अहम फैसले ले रहे थे।

लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पोस्ट ग्रैजुएट की डिग्री हासिल करने वाले जयंत चौधरी अपने पिता अजित सिंह के अलावा दादा चौधरी चरण सिंह की विरासत को भी आगे बढ़ाएंगे। हालांकि आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को दोबारा मजबूत स्थिति में ला पाना उनके लिए एक चुनौती होगा।

यह भी पढ़े – सावधान! फंगस मरीजों के लिए 24 से 48 घंटे अहम, जानिए कैसे बन रहा जानलेवा ?

पिता के बगैर 2022 में होगी पहली और बड़ी सियासी परीक्षा

फिलहाल आरएलडी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। पिता के बगैर जयंत चौधरी की 2022 में सबसे बड़ी और पहली सियासी परीक्षा होगी।

2017 के विधानसभा चुनाव में भी आरएलडी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में जयंत चौधरी की लीडरशिप में आरएलडी का प्रदर्शन कैसा रहता है।

यह भी पढ़े – भारत बायोटेक ने WHO से मांगी Covaxin के आपात इस्तेमाल की मंजूरी, 90 फीसदी दस्तावेज सौंपे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here