तय हो जाएगा-हिजाब रहेगा या हटेगा, सुप्रीम कोर्ट में फ़ैसला आज

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द लीडर. मुस्लिम लड़कियों के लिए हिजाब को लेकर मचा शोर थम जाएगा या और तेज़ी से गूंजेगा, यह इस मुद्दे को उठाने वालों का रवैया तय करेगा लेकिन इस अहम मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आज आ जाएगा. यह मामला पिछले साल कर्नाटक से उठा था. तब जब उडुपी ज़िले में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स ने छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर रोक लगा दी थी. बता दिया था कि कैसी पोशाक को कॉलेज यूनिफॉर्म स्वीकार किया जाएगा. दिशानिर्देशों का पालन करना छात्राओं के लिए अनिवार्य होगा.


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जवाब में छात्राओं ने यह कहते हुए कि उनकी सीनियर छात्राएं भी हिजाब पहनकर आती थीं, कॉलेज प्रशासन से हिजाब पहनने की इजाज़त मांगी. उडुपी ज़िले में सरकारी जूनियर कॉलेजों की पोशाक तय करने को बनी स्थानीय विधायक की अगुवाई  वाली डेवलपमेंट समिति ने इन्कार कर दिया. यानी इजाज़त नहीं दी. यहां से स्थानीय विधायक भाजपा से हैं. उनका नाम रघुवीर भट्ट है. दिसंबर 2021 में यह मामला काफी तूल पकड़ गया. छात्राओं ने हिजाब पहनकर कैंपस में घुसने की कोशिश की तो उन्हें बाहर ही रोक दिया. हिजाब पर रोक की आग दूसरे कॉलेजों तक भी पहुंच गई थी. तब एक लड़की मुस्कान के हिंदू संगठन से जुड़े लड़कों से अकेले भिड़ जाने का वीडियो दुनियाभर में वायरल हो गया था.


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पहले यह मामला कर्नाटक हाईकोर्ट गया. मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई की सरकार ने सुनवाई शुरू होने से पहले ही आदेश जारी करके कॉलेजों की तरफ से तय यूनिफॉर्म पहनने को ज़रूरी क़रार दे दिया. यह भी साफ कर दिया कि तय पोशाक के अलावा कुछ और पहनने की इजाज़त नहीं होगी. इस आदेश को लेकर कर्नाटक हिंसक प्रदर्शन हुए थे. ख़ैर अब फ़ैसले की घड़ी आ गई है. दोनों पक्षों के तर्कों के बाद कि हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है या नहीं, सुप्रीम तय कर देगा. आज होने वाले फैसले पर सभी की नज़रें टिकी हैं.


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