भारत ने कहा सारे देश साथ आकर निकालें म्यांमार के संकट का हल

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जिनेवा।

विश्व समुदाय के परोक्ष दबाव के बाद भारत ने म्यांमार मामले में रुचि दर्शाते हुए पूरी दुनिया से एकसाथ आने की अपील की है।

म्यांमार सेना की दमनकारी और लोकतंत्र विरोधी नीतियों को जब दुनिया के ज्यादातर लोग  कोस रहे थे तो चीन और भारत वहां संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल थे। उसी दिन वहां सबसे ज्यादा लोग मारे गए।
चीन तो पहले से ही वहाँ की सेना की मदद करता रहा है। पूर्वोत्तर के आतंकवाद से जूझने में भारत म्यांमार की फौज की मदद लेता रहा है। इसिलए भारत भी जून्टा पर नरम रहा  लेकिन अब हालात खराब होते दिख रहे हैं।

पिछली बार जब सेना ने कई सालों तक सू की को जेल में रखा तो भारत लोकतंत्र के समर्थन में खड़ा रहा।
भारत ने शुक्रवार को म्यांमार की सेना की हिंसक कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि वहां के हालात को लेकर विश्व को ज्यादा एकजुटता से काम करना होगा। ऐसा न होने की स्थिति में म्यांमार की अस्थिरता के परिणाम दूसरे देशों को भी प्रभावित कर सकते हैं। बता दें कि म्यांमार की सेना ने तख्तापलट करके आंग सान सू की सहित प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के. नागराज नायडू ने म्यांमार पर हुई बैठक में कहा कि भारत म्यांमार में हुई हिंसा की निंदा करता है और वहां हुए जानमाल के नुकसान की भी भर्त्सना करता है। वहां जो कुछ हुआ वो नहीं होना चाहिए था उन्होंने कहा ऐसे समय में अधिक संयम का पालन करने की जरूरत है साथ ही मानवीय सिद्धांतों को बनाए रखना भी हमारी जिम्मेदारी है।
नायडू ने कहा कि भारत और म्यांमार के रिश्ते काफी अच्छे रहे हैं। हम चाहते हैं कि वहां शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए। उन्होंने आगे कहा कि म्यांमार के साथ भारत की लंबी भूमि और समुद्री सीमा जुड़ी है। म्यांमार के लोगों के साथ हमारे लंबे समय से मित्रतापूर्ण संबंध रहे हैं। हम वहां की राजनीतिक स्थिरता को लेकर बहुत चिंतित हैंI भारतीय प्रतिनिधि ने यह भी कहा कि ऐसे समय में यह तय किया जाना चाहिए कि स्थिति कैसे नियंत्रण में आए। साथ ही साथ इसका शांतिपूर्ण समाधान भी निकाला जाना चाहिए ताकि तनाव और ना बढ़े।
नागराज नायडू ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सीमा पर किसी भी प्रकार का तनाव उत्पन्न हो, इसलिए हमें इसके बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है’। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पिछले सप्ताह म्यांमार की सेना द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सेना को प्रदर्शनकारियों पर हमले नहीं करने चाहिए और शांति से समस्या का हल तलाशना चाहिएI गौरतलब है कि सेना और पुलिस लोकतंत्र समर्थकों को लगातार निशाना बना रहे हैं।

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