राष्ट्रीय महिला आयोग के 2020 में महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा के आंकड़े बताते हैं कि इस मामले में उत्तर प्रदेश अव्वल है. गजब की बात यह है कि इस सूची में दूसरे नंबर के राज्य दिल्ली से उत्तर प्रदेश पांच गुना आगे है. (Increasing Female Harassment in India)
साल 2020 में आयोग के पास महिला हिंसा की 23,722 शिकायतें दर्ज हुईं. इनमें लगभग एक चौथाई शिकायतें घरेलू हिंसा के सम्बन्ध में थीं. उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 11,872 मामले दर्ज किये गए. दूसरे स्थान पर रही दिल्ली से 2635 और हरियाणा से महिला हिंसा के 1,266 मामले सामने आये हैं. गौरतलब है कि बीते साल महिला हिंसा की शिकायतों ने पिछले छह साल का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है.
इन आंकड़ों ने कोरोना काल और लॉकडाउन में बढ़ते महिला उत्पीड़न की प्रवृत्ति को और ज्यादा पुख्ता किया है. महामारी के दौर ने महिलाओं के लिए शिक्षा, रोजगार आदि के लिए घर की चौखट लांघने के मौकों को और भी ज्यादा कम किया है. पुरुषों और महिलाओं के ज्यादातर समय घर में ही रहने की वजह से भी महिलाओं के उत्पीड़न का ग्राफ और ज्यादा बढ़ गया है.
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने के अनुसार आर्थिक असुरक्षा, बढ़ता तनाव, वित्तीय संकट आदि का नतीजा भी घरेलू हिंसा के रूप में दिखाई दे रहा है.
कोविड-19 महामारी के दौरान लागू लॉकडाउन के दौरान मार्च में महिला आयोग के पास घरेलू हिंसा के लिए आने वाली शिकायतों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गयी. आने वाले महीनों में इन घटनाओं में और ज्यादा तेजी से इजाफा हुआ. जुलाई में महिला आयोग को इस मामले में 600 से ज्यादा शिकायतें मिलीं.
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