THE LEADER. मामला तो एक स्कूल का है लेकिन सज़ा देने का तरीक़ा फ़ौज के अफ़सरों जैसा है. पांच बच्चे कड़ाके की ठंड में नहा रहे हैं, वो भी बाथरूम में नहीं बल्कि खुले में पम्पिंग सेट की हौज़ में. ये पांचों छात्र हैं, जिनका नहाते और बाद में यूनिफॉर्म पहनकर यह कहते वीडियो सामने आया है कि अब वो घर से रोज़ नहाकर आया करेंगे. बच्चों को स्कूल में अनोखी सज़ा देने का मामला यूपी के ज़िला बरेली में फ़रीदपुर के छत्रपति शिवाजी इंटर कॉलेज का है.
वीडियो वायरल होने के बाद अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक़ पांचों छात्र घर से नहाकर कॉलेज नहीं आए थे. प्रेयर के दौरान प्रिंसीपल रणविजय सिंह यादव को उनके शरीर से दुर्गंध जैसा महसूस हुआ. पूछा नहाकर नहीं आए. बच्चों ने सच बोल दिया. कह दिया नहीं सर. तब इन छात्रों से कपड़े उतरवा लिए गए. सभी को पम्पिंग सेट की हौज़ में नहाने का हुक्म जारी कर दिया. हुक्म का पालन हुआ. पांचों बच्चे खुले में शरीर को मल-मलकर नहाए. यूनिफॉर्म फिर से पहनी. प्रिंसीपल ने बात इतने पर ख़त्म नहीं की. छात्रों से सवाल करके यह कहलवाया गया कि अब हम रोज़ नहाने के बाद ही स्कूल आएंगे. उसके बाद वीडियो भी ख़ुद ही वायरल कर दिया. प्रिंसीपल का बयान सामने आया है कि ऐसा इसलिए किया गया कि नहाने में गुरेज़ करने वाले बाक़ी बच्चों को भी इससे नसीहत मिलेगी.
बच्चों को इस तरह से स्कूल में नहलाने का मामला सोशल मीडिया में बहस का सबब बन गया है. बहुत से लोग इसे ग़लत तो कुछ सही भी ठहरा रहे हैं. कुछ का यह भी कहना है कि प्रिंसीपल सर यह कुछ ज़्यादा हो गया. रहा सवाल कि शिक्षा विभाग के अफसर इसे लेकर क्या सोच रहे हैं तो आइए-आपको यह भी बता देते हैं. सुनवाते हैं कि ज़िला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने क्या कहा है..बहरहाल बच्चों को खुले में सर्द हवाओं के बीच नहाने के लिए मजबूर करने वाले प्रिंसीपल का क्या होगा, यह स्कूल के प्रबंधक तय करेंगे लेकिन उससे पहले स्कूल के प्रबंधक के फंसने का इंतज़ाम हो गया. उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए ज़िला विद्यालय निरीक्षक ने लिख दिया है. एफआइआर की तलवार भी लटक गई है.