
द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कोतवाली पुलिस को रात डेढ़ बजे के बाद ख़बर मिली कि उसके इलाके़े सिकलापुर में 62 साल के बुज़ुर्ग दयाशंकर को गोली मारकर क़त्ल कर दिया गया है. पुलिस ने मौक़ा-ए-वारदात पर पहुंचकर तफ़्तीश की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं. मसलन यह कि जब क़त्ल हुआ तो उसके पांच मिनट के अंदर ही घर की बिजली कैसे ग़ायब हो गई. सीसीटीवी क्यों बंद थे. पूछताछ के दौरान घर महिलाओं को हंसते देख भी पुलिस का माथा ठनका.
ख़ैर पुलिस ने मृतक दयाशंकर के भतीजे ने जैसा बताया और तहरीर दी. उसके आधार पर तीन सगे भाईयों नीरज, अमित, सचिन के अलावा वासु और अप्पू के ख़िलाफ़ न सिर्फ क़त्ल का मुक़दमा दर्ज कर लिया, बल्कि उन्हें उठाकर कोतवाली में पूछताछ भी शुरू कर दी. ये पांचों घर पर सोते हुए मिले थे. एसपी सिटी मानुष पारीक, सीओ पंकज श्रीवास्तव ने मौक़े पर ही कोतवाली पुलिस को कुछ ज़रूरी निर्देश दिए. उसके बाद पुलिस क़त्ल की इस सनसनीख़ेज़ वारदात को खोलने में जुट गई.
15 घंटे के दौरान ही पुलिस तह तक पहुंच गई कि दयाशंकर का क़ातिल उनका अपना ही कोई है. तब मुक़दमा दर्ज कराने वाले उनके भतीजे को उठा लिया. तफ़्तीश में सामने आई तमाम बातों को सामने रखकर रितिक से पूछताछ की गई तो उसने चाचा को क़त्ल करने का सच उगल दिया. प्लान उसने बेहद मज़बूत तैयार किया था. उसकी मंशा एक तीर से दो निशाने साधने की थी. एक तो चाचा को मारकर प्रापर्टी हथियाना चाहता था. दूसरे उनके क़त्ल में उन लोगों को फांस देने का इरादा था, जिनसे उसका झगड़ा हो चुका था. लेकिन वो तमाम कोशिशों के बाद पुलिस को ग़च्चा नहीं दे सका.
उसने जिन पांच लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर कराई थी, तमाम सीसीटीवी चेक करने पर वो दयाशंकर के घर की तरफ आते नहीं दिखाई दिए. प्रेस कांफ्रेंस में एसपी सिटी मानुष पारीक ने इस बेहद चौंकाने वाले क़त्ल का राजफाश किया. बताया कि घर के नीचे वाले पोर्शन में फर्नीचर का काम करने वाले दयाशंकर को मारने के लिए उनके भतीजे रितिक ने दिमाग़ ख़ूब लगाया, जो गोल गप्पे बनाता है. उसने करोड़ों की कीमत वाली दुकानें चाचा के बेचने के डर से उनका कत्ल कर दिया. क्योंकि चाचा की शादी नहीं हुई थी तो ये दुकानें उसे मिल जाएंगी.