भारत-पाक दोस्ती के पैरोकार इम्तियाज कुरैशी पर हमला

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मजहबी भाईचारे और पड़ोसी मुल्क से दोस्ती के दुश्मन भारत और पाकिस्तान में एक जैसे ही हैं। पाकिस्तान में दोनों मुल्कों की अवाम के बीच दोस्ती के पैरोकार और शहीद भगत सिंह मैमोरियल फाउंडेशन के चेयरमैन इम्तियाज कुरैशी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। उनकी कोशिशों से खफा खुराफाती कट्टरपंथी तत्वों ने उन पर रात के अंधेरे में हमला बोल दिया, जिसमें वे जख्मी हो गए, उनके एक हाथ में चोट ज्यादा आई है। (Imtiaz Qureshi Attacked Lahore)

कट्टरपंथियों के हमले की वजह थी 25 नवंबर को लाहौर हाईकोर्ट के डेमोक्रेटिक लॉन में साझी खुशी का इजहार करना और मुहब्बत का पैगाम देना।

इम्तियाज कुरैशी ने ‘द लीडर’ को बताया कि सिखों के पहले गुरु नानक देव जी के 552वें प्रकाश पर्व पर भारत से तीर्थ पर आए सिख मित्रों को भी वहां बुलाया था। सबने हंसी खुशी केक काटकर गुरु पर्व मनाया और गले मिले। (Imtiaz Qureshi Attacked Lahore)

इस मौके पर भारत-पाक दोस्ती के नारे भी लगाए गए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब घर लौट रहे थे, उसी दरम्यान घर से कुछ पहले एक गली में कट्टरपंथी तत्वों ने उन्हें घेरकर हमला बोल दिया। वे तीन लोग थे, जिन्हें पहचाना नहीं जा सका।

हमला बोलने के वक्त उन्होंने गालियां दीं, कहा कि तुझे बहुत भारत-पाक दोस्ती के नारे लगवाने का शौक है और यहां सिखों के मजहब को फैला रहा है। आसपास के कुछ लोगों के उधर आने पर हमलावर भाग गए। (Imtiaz Qureshi Attacked Lahore)

इम्तियाज कुरैशी ने कहा, ‘इस मामले की हमने कोई एफआईआर नहीं दर्ज कराई है, वे कायर हैं, ऐसे लोग हमें तब अंडे तक फेंककर मारा करते थे, जब शहीद भगत सिंह केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई और शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक रखने की मांग की।’

”रोजी-रोटी के सवालों पर लोगों के बीच फिर भी बात बंद नहीं की और आज बड़ी संख्या में लोग जायज बातों की वजह से साथ खड़े हैं। यह हमला दरअसल सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती है, जिनकी तमाम निगरानी और दावों के बीच कट्टरपंथी पनप रहे हैं।”


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