द लीडर हिंदी, लखनऊ | भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में शराब और मांस की बिक्री नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इसका ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि जो लोग भी इन कामों में लगे थे, वो अब दूध बेच सकते हैं।
दरअसल, सीएम योगी सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने मथुरा पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा, ‘2017 में मथुरा को नगर निगम बनाया। सात तीर्थ घोषित किए। अब मथुरा वृंदावन में मद्य-मांस की बिक्री पर पाबंदी लगेगी। किसी को उजाड़े बिना सुनियोजित विकास किया जाएगा। ‘ यहीं उन्होंने मथुरा में शराब और मांस की बिक्री पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया।
जनपद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव-2021 कार्यक्रम के आयोजन में सम्मिलित होते #UPCM श्री @myogiadityanath जी https://t.co/pAZuj0w1wn
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 30, 2021
अगर याद करें तो जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2017 में नए नए मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने पूरे प्रदेश में मांस बेचने वाली सभी दुकानों को बंद करवाने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि जिन दुकानों के पास लाइसेंस होगा सिर्फ वही दुकाने मांस बेच सकती थी, बाकी किसी को भी अगर मांस बेचते हुए पाया गया तो उसपर कड़ी कार्यवाही हो रही थी।
मांस और शराब की बिक्री से क्या पड़ेगा असर ?
शराब और मांस की बिक्री न करना एक हद तक सही निर्णय हो सकता है लेकिन प्रशासन को ऐसा कदम उठाने से पहले एक सर्वे करना चाहिए जिसमे यह पता चले की प्रतिबन्ध लगाने के बाद कितनी दुकानों से कितने लोग प्रभावित होंगे। जब ऐसी कोई घोषणा की जाती है तो ज़्यादातर निचले वर्ग का आदमी परेशानी से गुज़रता है।
जिसके पास एक दूकान थी और वह पूरा दिन बिक्री करके अगर कुछ कमाता था तो उसकी कमाई पूरी तरह बंद हो गई है। प्रशासन ने सिर्फ इतना आदेश दिया है कि अब दुकाने नहीं खोली जाएंगी लकिन सरकार की तरफ से इसका कोई विकल्प नहीं बताया गया है।
सरकार की तरफ से क्या होगी मदद ?
सरकार ने सभी दुकानों को बंद कराने का आदेश जारी किया है। उनकी तरफ से अभी तक कोई औपचारिक बयान साझा नहीं किया गया है जिसमे यह बताया गया हो कि जो लोग शराब और मांस की दुकानों पर ताला लगाने जा रहे हैं उनके लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था करी गई है कि नहीं।
बेरोज़गारी बढ़ने का डर
पूरे प्रदेश में वैसे भी बेरोज़गारी अपने चरम पर है। छोटे वर्ग के लोगों से लाकर बड़ा आदमी भी इस समय बुरी तरह परेशान है। लोगों के पास नौकरियां नहीं है और जिनके पास हैं, उन्हें आधी वेतन पर काम करना पड़ रहा है। बड़ी से बड़ी कंपनियां नुक्सान में चल रहीं है। ऐसे में अगर दुकानों को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया गया है तो एक बड़ी मात्रा में बेरोज़गारी बढ़ने की आशंका लगाई जा रही है।
बेरोज़गारी के क्या है हालात ?
श्रम विभाग द्वारा संचालित एक ऑनलाइन पोर्टल के मुताबिक 7 फरवरी, 2020 को 33.93 लाख बेरोजगार पंजीकृत थे। 30 जून, 2018 तक यूपी में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 21.39 लाख थी। पिछले दो वर्षों में राज्य में बेरोजगारों की संख्या में 58.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
क्या दिया गया सुझाव ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर कहीं भी मांस मदिरा की बिक्री न हो इसके लिए जिला प्रशासन से उन्होंने कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया और कहा कि जो लोग इन काम में लगे हुए हैं उन्हें पुनवार्स के रूप दूध बेचने जैसे कामों में लगाया जा सकता है ,इससे एक बार फिर से मथुरा में दूध दही की नदियां बहेंगी। योगी ने इस मौके पर श्रीकृष्ण जन्मस्थल में पूजा भी अर्चना की। मंदिर में प्रवेश करते ही उन्होंने बांके बिहारी के चरणों में माथा टेका। इसके बाद ढोल-नगाड़ों के साथ उन्होंने ने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना भी की।
The people engaged in such activities (sale of liquor & meat) may set up small stalls to sell milk in order to revive the glory of Mathura, that was known for producing huge quantity of milk: CM Yogi Adityanath in Mathura (30.08)
— ANI UP (@ANINewsUP) August 31, 2021
क्या नया काम शुरू करना है आसान?
कोई भी नया काम करने के लिए सबसे पहले पैसों की ज़रुरत पड़ती है। अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया है कि जो लोग मांस बेच रहे थे वह अब दूध की बिक्री करें तो इसके लिए इंतजाम भी करना चाहिए। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि जितने लोगों की रोज़ी रोटी छिनी है उनको नए काम के लिए आसानी से सहायता मिल जाए। अगर किसी का काम सरकार बंद करवाती है तो यह सरकार की ही ज़िम्मेदारी होती है कि उसके लिए कोई और विकल्प देखा जाए ताकि बेरोज़गारी की मात्र में इजाफा न हो।
क्या कहना है आम जनता का ?
कई लोगों ने इसका समर्थन किया, जबकि अन्य ने तर्क दिया कि यह किसी की पसंद के भोजन के अधिकार का उल्लंघन करता है।
Meat and Liquor is banned by Yogi Government in Mathura.
Now waiting for the liberals to give stats as to how meat and liquor is the backbone of Mathura's economy and this is a Bramhanical and Anti-Muslim decision🤗
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) August 31, 2021
‘नाम बदल दिए’
“CM Yogi Adityanath bans meat and liquor sale in Mathura”
Now was when he should have just renamed them!
— Sangita (@Sanginamby) August 31, 2021
सनातनी ठाकुर लिखती है कि ” यह इस चीज़ का उदाहरण है कि आपको अपने राज्य में भाजपा के शासन की आवश्यकता क्यों है महाराष्ट्र सीएम। बार खुले हैं लेकिन कोविड के लिए मंदिर बंद हैं। वहीं यूपी के सीएम ने नाइट कर्फ्यू हटाया.. मथुरा गए.. उपवास किया और देश के लिए प्रार्थना की।
Example why you need BJP rule in your state
Maharashtra CM. Bars are open but temples are closed for covid
UP CM.. Lifted night curfew.. Went to Mathura.. Fasted and prayed for the nation— Sanatani Thakur 🇮🇳 (@SanggitaT) August 31, 2021
समीउल्लाह ने लिखा “मुस्लिम मथुरा की आबादी का लगभग 18% और दलित 20% हैं। दूसरे शब्दों में, वहाँ की लगभग 40% जनसंख्या मांस खाती है। अन्य जाति समूहों में मांस खाने वाले भी हैं। योगी अपनी पसंद का खाना खाने के उनके अधिकार पर कैसे हमला कर सकते हैं?”
Muslims are around 18% of Mathura’s population, and Dalits 20%. In other words at least around 40% of the population there eats meat. There are also meat eaters among other caste groups.
How can Yogi attack their right to eat the food of their choice?
Such a Cruel Move ! pic.twitter.com/jg490N426X
— Samiullah Khan (@SamiullahKhan__) August 31, 2021
समर हलर्नकार ने भी मथुरा में शराब और मांस पर रोक लगने की निंदा की है
Yogi bans sale of meat, liquor in Mathura. Those who lose livelihoods can sell milk, he says.
Such a cruel move https://t.co/7kWRh6pvp2— Samar Halarnkar (@samar11) August 31, 2021
और किन शहरों में लगा हुआ है प्रतिबन्ध
वाराणसी
सांस्कृतिक नगरी वाराणसी के धार्मिक स्थलों पर इस साल अप्रैल में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शराब और मीट बेचने पर बैन लगा दिया था। उन्होंने आबकारी अफसरों को निर्देश दिया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के एक किलोमीटर के दायरे में शराब की बिक्री नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा अन्य धार्मिक स्थलों के आसपास भी मीट और शराब पर बैन है।
अयोध्या
रामनगरी अयोध्या के धार्मिक स्थलों के आसपास भी शराब और मीट बेचने पर बैन है। अयोध्या में छोटे-बड़े मिलाकर सैकड़ों धार्मिक स्थल हैं, जहां दर्शन करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। अयोध्या में इनदिनों भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2022 तक यह मंदिर दर्शन के लिए तैयार हो जाएगा।
प्रयागराज
गंगा-यमुना के संगम वाले प्रयागराज के धार्मिक स्थलों के आसपास भी मांस और मंदिरा नहीं बेचा जा सकता है। स्थानीय प्रशासन को इस संबंध में सख्त आदेश दिए गए हैं। प्रयागराज का पहले इलाहाबाद नाम था। योगी सरकार ने नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया है। इस शहर में भी सैकड़ों धार्मिक स्थल हैं।
चित्रकूट
मंदाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ चित्रकूट देश के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है। चित्रकूट अपने प्राकृतिक दृश्यों के साथ आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। कहते हैं कि अपने 14 साल के बनवास के दौरान भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ यहां 11 साल 11 महीने और 11 दिन बिताए थे। यहां के धार्मिक स्थलों के आसपास भी मीट और शराब बेचने पर प्रतिबंध है।
नैमिषारण्य
लखनऊ से करीब 80 किमी दूर सीतापुर जिले में स्थित नैमिषारण्य प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ है। वाराह पुराण के अनुसार, यहां भगवान की तरफ से निमिष मात्र में दानवों का संहार करने से यह नैमिषारण्य कहलाया है। यहां भी मीट और शराब बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
देवबंद
देवबंद यूपी के प्रमुख नगरों में गिना जाता है। यह इस्लामी शिक्षा और दर्शन के प्रचार-प्रसार के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस्लामी शिक्षा एवं संस्कृति में जो एकता देश में देखने को मिलती है, उसका पूरा श्रेय देवबंद दारुल उलूम को जाता है। यहां के जितने भी धार्मिक स्थल हैं, वहां पर मांस-मदिरा बेचने और खरीदने पर बैन लग चुका है।
देवा शरीफ
हाजी वारिस अली शाह की जन्मस्थली देवा शरीफ बाराबंकी जिले में स्थित है। हर साल यहां देवा मेला के नाम से एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। इसके अलावा सालाना उर्स का आयोजन भी होता है। इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होने आते हैं। 10 दिनों तक चलने वाला देवा मेला पूरे देश में प्रसिद्ध है। देवा शरीफ के आसपास भी शराब और मीट की दुकानों पर पूरी तरह प्रतिबंध है।