भारत की महिला बैडमिंटन टीम की ऐतिहासिक जीत, पहली बार अपने नाम किया ये खिलाब

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द लीडर हिंदी : भारत की बेटियों ने मलेशिया में इतिहास रच दिया है. भारतीय महिला टीम ने पहली बार एशिया टीम चैंपियनशिप का खिताब जीता.पीवी सिंधु की अगुवाई में भारत ने ये कारनामा अंजाम दिया.यह पहला मौका है जब भारत ने इस टूर्नामेंट को अपने नाम किया. फाइनल में टीम को थाईलैंड पर जीत मिली. रविवार को मलेशिया के सेलांगोर में एक कड़े फाइनल में थाईलैंड को 3-2 से हराकर बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया.

यह पहली बार है जब भारत ने खेल के इतिहास में प्रतिष्ठित महाद्वीपीय टीम चैंपियनशिप का खिताब मिला.वही पीवी सिंधु, गायत्री गोपीचंद-ट्रीसा जॉली और किशोर सनसनीखेज अनमोल खरब ने अपने-अपने मैच जीते, जिससे भारत ने रविवार को शाह आलम में फाइनल 3-2 से जीता. जानकारी के मुताबीकएक बार फिर शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई.

रोमांचक फाइनल में भारत ने थाईलैंड को 3-2 से हराकर अपना पहला स्वर्ण पदक जीता.वही पीवी सिंधू के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम के युवा और तेजतर्रार समूह ने थाईलैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और दो बार की कांस्य पदक विजेता थाईलैंड के खिलाफ जीत हासिल की.

थाईलैंड की टीम ने पूरी ताकत का नहीं किया इस्तेमाल
खबर के मुताबीक प्रतियोगिता में ज्यादातर टीमों की तरह, थाईलैंड पूरी ताकत के साथ नहीं खेल रहा था. वे अपने शीर्ष दो एकल खिलाड़ियों – विश्व नंबर 13 रतचानोक इंतानोन और विश्व नंबर 16 पोर्नपावी चोचुवोंग के बिना थे. चार महीने बाद एक्शन में लौटीं दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने पहले मैच में दुनिया की 17वें नंबर की खिलाड़ी सुपनिडा काटेथोंग को 21-12, 21-12 से हरा दिया. उन्होंने पहला एकल मुकाबला जीतकर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी.

सिंधू को मिली जीत..तो अश्मिता को करना पड़ा हार का सामना
बता दें विश्व नंबर 23 त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद ने इसके बाद अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और दुनिया की नंबर 10 जोड़ी के खिलाफ चौंका देने वाला प्रदर्शन किया. वही जोंगकोलफान कितिथाराकुल और राविंडा प्रा जोंगजई की जोड़ी को त्रिशा-गायत्री की जोड़ी ने 21-16, 18-21, 21-16 से हराया और भारत को ड्राइवर सीट पर बैठा दिया.

विश्व नंबर 18 खिलाड़ी बुसानन ओंगबामरुंगफान के खिलाफ अपना दूसरा एकल मुकाबला खेल रहीं अश्मिता चलिहा से काफी उम्मीदें थीं। शनिवार को अश्मिता ने पूर्व विश्व चैंपियन जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ शानदार जीत हासिल की थी.

2022 में अश्मिता ने सिंगापुर ओपन के दौरान बुसानन को हराया था. वह दूसरे गेम में 14-14 तक मैच में बनी रहीं, लेकिन उसके बाद अप्रत्याशित गलतियां अश्मिता को महंगी पड़ीं और वह अनुभवी थाई खिलाड़ी से 11-21 14-21 से हार गईं. मुकाबला 2-2 से बराबरी पर था और ऐसे में एक बार फिर से पूरी जिम्मेदारी अनमोल खरब पर थी.

उन्होंने फिर से भारत को जीत दिलाने की जिम्मेदारी उठाई और उन्होंने निर्णायक तीसरे एकल में दुनिया की 45वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपिचा चोइकीवोंग पर 21-14, 21-9 की शानदार जीत हासिल की और भारत को चैंपियन बनाया.जीत के फौरन बाद पूरी टीम अनमोल को उठाने के लिए दौड़ पड़ी और सेतिया सिटी कन्वेंशन सेंटर में जीत का शानदार जश्न मनाया.