हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री : क्या शीना बोरा जिंदा है ? CBI को लिखी चिट्ठी में इंद्राणी मुखर्जी का दावा

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द लीडर | शीना बोरा हत्याकांड में एक बार फिर एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है. दरअसल, खबर है कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या करने के आरोप में जेल में बंद इंद्राणी मुखर्जी ने जेल से केंद्रीय जांच एजेंसी को एक पत्र लिखा है. पत्र में इंद्राणी ने एजेंसी से कहा है कि शीना बोरा जिंदा है और सीबीआई को उसे ढूंढना चाहिए. जानकारी है कि इंद्राणी सीबीआई को लिखी चिट्ठी में बताया है कि जेल में उसे मिली एक महिला कैदी ने उसे बताया है कि शीना बोरा से वो कश्मीर में मिली थी. इंद्राणी ने सीबीआई से जांच की मांग की है.

क्या है शीना बोरा हत्याकांड

  • शीना बोरा हत्याकांड का खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर श्यामवर राय को बंदूक के साथ गिरफ्तार किया. राय ने बताया था कि शीना की हत्या साल 2012 में इंद्राणी मुखर्जी ने एक कार में गला दबाकर की थी.
  • इंद्राणी के गिरफ्तारी के बाद उनके पूर्व पति संजीव खन्ना को भी बेटी की हत्या में मदद करने और सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
  • अपने दूसरे पति पीटर मुखर्जी को इंद्राणी ने बताया था कि शीना उसकी बहन है. शीना बोरा और पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल मुखर्जी के बीच भी करीबी थी.
  • शीना के अचानक साल 2012 में गायब हो जाने के बाद राहुल ने उसे तलाशने का काफी प्रयास किया. जब मामला सामने आया तो जांच में पता चला कि इंद्राणी ने मुंबई के बांद्रा में शीना की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को रायगढ़ जिले में दफना दिया.
  • जांच एजेंसियों का दावा था कि शीना बोरा के अवशेष भी मिले थे. इंद्राणी ने इसे खारिज कर दिया था.
  • इंद्राणी के बाद CBI ने उनके दूसरे पति पीटर मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया था, जिन्हें 2020 में जमानत मिल गई थी. ट्रायल के दौरान ही इंद्राणी और पीटर ने 17 साल चली अपनी शादी के बाद 2019 में तलाक ले लिया था.

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रायगढ़ के जगंल में दफ्न थी लाश

सीबीआई ने अपनी जांच में खुलासा किया था कि शीना बोरा की हत्या अप्रैल 2012 में की गई थी. उसकी लाश को रायगढ़ के पेन इलाके में जंगल के बीच दफ्न कर दिया गया था. यूं तो ये मामला महज एक राज ही बनकर रह जाता, लेकिन 23 मई 2012 को ही स्थानीय गांववालों को जंगल के बीच दफनाई गई लाश का पता चल गया था. उन्होंने इस घटना की जानकारी पेन थाना पुलिस को दी थी.

ऐसे हुआ था लाश के अवशेष का परीक्षण

विशेषज्ञों ने सबसे पहले हड्डी का डीएनए परीक्षण किया था. उसके बाद दूसरे चरण में खोपड़ी के अवशेषों का परीक्षण किया गया. और तीसरे चरण में मौका-ए-वारदात पर मौजूद सबूतों की जांच और परीक्षण किया गया था. सभी नमूने शीना बोरा की लाश से मेल खा रहे थे. और सबसे अहम था शीना बोरा के शरीर से लिया गया डीएनए का नमूना. जिसकी जांच करने पर पता चला कि वो हत्या की मुख्य आरोपी इंद्राणी के डीएनए से मैच कर रहा था. इसके बाद विशेषज्ञों ने विस्तृत रिपोर्ट बनाई थी.


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पुलिस ने दर्ज नहीं किया था मामला

तब पेन थाना पुलिस मौके पर पहुंची लाश को जमीन से निकाला. पहचान करने की कोशिश की. लेकिन कुछ पता नहीं चला. फिर लाश का परीक्षण किया गया. कुछ सैंपल लिए गए और फिर पुलिस ने लाश को दफ्न कर दिया. वक्त बीतता गया. लेकिन यह मामला साल 2015 के दौरान चर्चाओं में आ गया. क्योंकि मरने वाली लड़की शीना बोरा एक हाई प्रोफाइल परिवार की लड़की थी. जो हत्या से पहले ही घर से गायब चल रही थी.

इंद्राणी के दावे से जांच पर सवाल

अब जेल में बंद शीना मर्डर केस की मुख्य आरोपी शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी के दावे ने सीबीआई और इस केस से जुड़ी तमाम एजेंसियों की जांच को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर इंद्राणी के दावे में सच्चाई है तो जिस लड़की की लाश रायगढ़ के जंगल से मिली थी, वो लड़की कौन थी? उसकी हत्या किसने की? उसके कत्ल के पीछे कातिल का क्या मकसद था? आखिर कत्ल की इस साजिश का मुख्य किरदार कौन था? ऐसे तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब सीबीआई को नए सिरे से तलाशने होंगे.


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