
The leader Hindi: झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन के पक्ष में 48 मत पड़े. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
विधानसभा में ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. इसके बाद मत विभाजन किया गया. हेमंत सोरेन के पक्ष में मत पड़े जबकि विपक्ष में एक भी वोट नहीं आया. इसके बाद स्पीकर ने सरकार द्वारा विश्वास मत साबित करने की घोषणा की. सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विश्वामत प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, ”विपक्ष ने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है. बीजेपी विधायकों को खरीदने की बात करती है. आज हम सदन में अपनी ताकत दिखाएंगे.”
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह सत्र उन्होंने लोकतंत्र को बचाने के लिए बुलाया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लोग सामान खरीदते हैं लेकिन बीजेपी विधायकों को खरीदती है. सोरेन ने बीजेपी पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया.
बीजेपी की तरफ से नीलकंठ मुंडा ने पलटवार किया. मुंडा ने कहा कि झारखंड की जनता को लगता है कि सरकार भयभीत है. उन्होंने कहा कि विपक्ष, न्यायपालिका या राज्यपाल में से किसी ने भी विश्वास मत नहीं मांगा, फिर यह डर क्यों है? मुंडा ने कहा कि यह विश्वास प्रस्ताव दिखाता है कि सरकार को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है.
विश्वास प्रस्ताव पर सीएम के भाषण के बाद स्पीकर ने जब विपक्ष से बहस करने के लिए कहा तो कुछ विधायकों ने सदन में प्रोटेस्ट किया. सदन में पलामू के महादलित के मकान को तोड़ने और दुमका के अंकिता हत्याकांड का मुद्दा उठाया गया.
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन इन दिनों लाभ के पद के आरोपों से घिरे हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक पत्थर खनन पट्टा अपने नाम आवंटित कर लिया था. चुनाव आयोग ने उन्हें इस आरोप का दोषी माना है और राज्यपाल रमेश बैस से उनकी विधायक के रूप में सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. राज्यपाल ने अभी तक इस बारे में आदेश की आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है.
ये भी पढ़ें: