Happy Birthday CNR Rao : वह भारतीय वैज्ञानिक जिसे दुनिया की 71 यूनिवर्सिटियों ने डॉक्ट्रेट से नवाज़ा

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द लीडर : भारत रत्न प्रोफेसर सीएनआर राव दुनिया के उन चुनिंदा वैज्ञानिकों में से हैं जिन्हें विश्व भर की 71 यूनिवर्सिटी डॉक्टरेट की उपाधि से नवाज चुकी है. बुधवार को उनके 87 वें जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें…

दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले सीएनआर राव भारत रत्न पाने वाले तीसरे वैज्ञानिक हैं. इससे पहले सी वी रमन और पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइल मैन के नाम से जाने जाने वाले एपीजे अब्दुल कलाम को यह सम्मान मिल चुका है.

24 साल की उम्र में मिल गई थी शोध की उपाधि

बंगलूरू के एक कन्नड़ परिवार में 30 जून 1934 को सीएनआर राव का जन्म हुआ था. उनकी प्रतिभा का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि 6 साल की उम्र में उनका दाखिला मीडिल स्कूल में हो गया था. महज़ 10 साल की उम्र में ही उन्होंने 8वीं क्लास फर्स्ट क्लास से पास की थी.
17 साल की उम्र में ही उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री हासिल कर ली थी. जबकि 24 साल की उम्र में उन्होंने 2 साल और 9 महीनों में अपनी शोध की उपाधि पूरी कर ली थी.

प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के प्रमुख भी रहे

डॉक्टर राव को दुनिया की 71 यूनिवर्सिटियों से ड्रॉक्ट्रेट की उपाधि से नवाज़ा गया. सॉलिड स्टेट और मेटेरियल केमेस्ट्री पर उन्होंने 52 सालों से ज़्यादा काम किया है.

वो भारतीय प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के प्रमुख भी रहे थे. सॉलिड स्टेट और मेटेरियल केमेस्ट्री पर उनके योगदान को दुनियाभर की साइंटिफिक अकादमियों ने माना और सराहा.

45 साइंटिफिक किताबें लिखीं

भारत रत्न से सम्मानित सीएनआर राव ने अब तक 45 साइंटिफिक किताबें लिखीं और संपादित की है. इसके अलावा उनके करीब 15 साल रिसर्च पेपर दुनिया भर प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं.

अंतरराष्ट्रीय एनी पुरस्कार भी मिला

डॉ राव को एनर्जी फ्रंटियर अवार्ड और ऊर्जा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार भी कहे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय एनी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. यह पुरस्कार अक्षय ऊर्जा स्रोतों और ऊर्जा भंडारण के क्षेत्र में शोध के लिए दिया जाता है.

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