
The leader Hindi: चुनाव आयोग गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान गुरुवार को 12 बजे करेगा। माना जा रहा है कि दो फेज में मतदान होगा। पहला चरण नवंबर के आखिर में और दूसरा चरण एक से पांच दिसंबर के बीच हो सकता है। नतीजे 8 दिसंबर को हिमाचल चुनाव के साथ आएंगे। हिमाचल में एक फेज यानी 12 नंबवर को मतदान होगा।अभी BJP की ओर से भूपेन्द्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। BJP के अलावा कांग्रेस और AAP भी मैदान में है। हालांकि दोनों पार्टियों ने अब तक CM कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करे तो पार्टी में भरत सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल CM पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। AAP में अभी तक गोपाल इटालिया ओर इशुदान गढवी CM के दावेदार हैं।
पिछली बार से इस बार का चुनाव बिल्कुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है ,गुजरात में 2017 में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन AAP भी इस बार लड़ाई में शामिल है। वहीं पाटीदार आंदोलन की आग भी इस बार शांत है। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल भी BJP में शामिल हो गए हैं।गुजरात में इस बार 3 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है। भाजपा पिछले 24 साल से सत्ता में है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ एंटा इनकंबेंसी का भी असर है। गुजरात चुनाव में इस बार 2 ऐसे साइलेंट चेहरे चर्चा में हैं, जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इनमें एक नाम पाटीदार आगेवान नरेश पटेल है तो दूसरा कोली समाज के सोमाभाई गांडाभाई। नरेश पटेल ने अब तक राजनीति में सीधी एंट्री नहीं ली है, लेकिन गुजरात के 85 लाख लेउवा पटेल समाज के वे सर्वमान्य नेता माने जाते हैं।
पटेल कांग्रेस में शामिल होने की कई बार कोशिश कर चुके हैं पर पार्टी हाईकमान से बात नहीं बन पाई थी। वहीं सोमाभाई गांडाभाई भी इस बार गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।पाटीदार के बाद कोली समाज की आबादी गुजरात में सबसे ज्यादा है।भाजपा ने इस बार 182 सीटों में से 160 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट बनाया है। गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को उम्मीदवारों के नामों को तय करने के लिए गांधीनगर पहुंच रहे हैं। भाजपा को अब तक 4,340 लोगों के नाम मिले हैं। सबसे ज्यादा 1,490 उत्तर गुजरात से हैं। सौराष्ट्र से1,163, मध्य गुजरात से 962 और दक्षिण गुजरात से सबसे कम बायोडाटा 725 मिले हैं।
चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी की ठोस वजह अब तक नहीं बताई है। पहले हिमाचल चुनाव की तारीखों के साथ ऐलान होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछली बार 2017 में बनासकांठा में बाढ़ देरी की वजह बनी थी। लेकिन, फिर भी चुनाव की तारीखों का ऐलान 25 अक्टूबर को कर दिया गया था। चुनाव दो फेज में हुए थे।
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