सीरिया में आर्टिकल 35 के साथ ग्रैंड मुफ्ती पद खत्म

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सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने बिना कोई वजह बताए फरमान जारी कर ग्रैंड मुफ्ती पद खत्म कर दिया। इस फैसले के बाद सीरिया के ग्रैंड मुफ्ती अहमद बद्र अल-दीन हसन को रिटायरमेंट लेना मजबूरी होगी, जो कि अब तक यहां सर्वोच्च इस्लामिक अथॉरिटी रहे हैं। (Grand Mufti Post Abolished)

हुक्मनामे ने न्यायिक परिषद की शक्ति और ग्रैंड मुफ्ती के तहत धार्मिक मामलों के बंदोबस्त और धार्मिक मामलों के मंत्रालय के दायरे को तय करने वाले कानून के अनुच्छेद 35 को भी समाप्त कर दिया। इस तरह धार्मिक मामलों के मंत्री की अध्यक्षता में न्यायिक परिषद की ताकत बढ़ गई है।

ग्रैंड मुफ्ती को सीरिया में सबसे वरिष्ठ सुन्नी मुस्लिम प्रतिनिधि माना जाता है, जो सीरियाई सरकार की ओर से धार्मिक आदेश जारी करता है। (Grand Mufti Post Abolished)

bashar al asad

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को मुफ्ती की जिम्मेदारियों को न्यायिक परिषद को सौंप दिया गया, जिसमें रमजान महीने की शुरुआत और समाप्ति तिथियां निर्धारित करने से लेकर और धार्मिक फतवा घोषित करना भी शामिल रहा है।

अल-असद के फैसले के कारणों के बारे में जनता के बीच बड़े पैमाने पर अटकलें भी हैं। इसमें एक यह भी चर्चा है कि सीरिया की न्यायिक परिषद ने इस महीने की शुरुआत में मशहूर सीरियाई गायक सबा फाखरी के अंतिम संस्कार के दौरान कुरान की आयतों की ग्रैंड मुफ्ती हसन की व्याख्या की सख्त आलोचना की थी, जिसके कुछ दिनों बाद ही यह फैसला आया है। (Grand Mufti Post Abolished)

2004 में अपने पूर्ववर्ती अहमद कुफ्तारो की देहांत के बाद हसन ने 2005 से ग्रैंड मुफ्ती का पद संभाला था। उनको गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से सरकार का कट्टर समर्थक माना जाता रहा है और कई तस्वीरों में राष्ट्रपति असर के साथ देखे गए हैं। (Grand Mufti Post Abolished)

2016 में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें खुलासा किया गया कि हसन को अल-असद ने पांच साल सैदनाया जेल में 13 हजार कैदियों को फांसी देने की मंजूरी देने के लिए प्रतिनियुक्त किया था।

2011 में सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शनों के तेज होने के दौरान हसन के 22 वर्षीय बेटे सारिया की अलेप्पो में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके लिए सीरियाई सरकार ने “आतंकवादियों” को दोषी ठहराया था।


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