द लीडर हिंदी, प्रयागराज। भारी बारिश से इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है. इसके साथ ही नदियों ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया है. प्रयागराज में भी गंगा और यमुना दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को निकालने का काम शुरू कर दिया है.
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उफान पर गंगा और यमुना नदी
फाफामऊ में गंगा का जलस्तर सोमवार सुबह 85.08 मीटर था, जबकि छतनाग में यह 84.29 मीटर था. नैनी में यमुना में जल स्तर 84.90 मीटर दर्ज किया गया. अधिकारियों ने बताया कि, फाफामऊ में 5 सेंटीमीटर, छतनाग में 7 सेंटीमीटर और नैनी (यमुना) में 6 सेंटीमीटर की दर से जलस्तर बढ़ रहा है.
कई इलाके बाढ़ से प्रभावित
बता दें, नदियाों के बढ़ते जलस्तर के कारण कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है. गंगा नगर, नेवादा, अशोक नगर, बेली गांव, राजापुर के कुछ हिस्सों, सलोरी, बड़ा और छोटा बघारा, बद्र और सनौती, दारागंज, नागवासुकी और अन्य जैसे कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
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नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
गंगा और यमुना नदियों के बढ़ रहे जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. हालांकि बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुसने से लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है. प्रयागराज में छोटा बघाड़ा सलोरी, दारागंज, नेवादा, बेली कछार में अब तक हजारों मकान पानी में डूब चुके.
लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा
बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसे लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं, या फिर उन्होंने बाढ़ राहत शिविरों में शरण ली है. संगम नगरी में गंगा और यमुना नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए पीएसी, जल पुलिस और एसडीआरएफ के बाद अब एनडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया है. एनडीआरएफ कमांडर दिनकर त्रिपाठी के नेतृत्व में पहुंची टीम बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पेट्रोलिंग कर रही है.
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