द लीडर। अभी भी देश के कई इलाकों में लोग भारी बारिश और जलभराव से परेशान है। इस समय मॉनसून सीजन चला जाना चाहिए लेकिन अभी भी कई इलाकों में बारिश हो रही है। जो लोगों की मुसीबतों को बढ़ा रहा है। बता दें कि, पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के साथ बर्फबारी भी होने लगी है। लेकिन मैदानी इलाके अभी भी जलभराव से पटे हुए हैं। बात अगर फर्रूखाबाद जिले की करे तो, यहां सब पानी-ही पानी हो गया है। क्या घर, क्या खेत, क्या सड़कें सब तलाब में तब्दील हो चुके हैं।
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बाढ़ के पानी में 190 गांव घिरे
गंगा और रामगंगा की बाढ़ के पानी में 190 गांव घिर गए हैं। 50 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। बूढ़ी गंगा भी उफान मारने लगी है। तीनों नदियों की बाढ़ से हजारों बीघा सरसों, आलू और धान की फसलें डूब गई हैं। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर और रामगंगा का खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। बूढ़ी गंगा ने भी उफानन भरना शुरू कर दिया। उधर, ग्रामीण इलाकों में हजारों बीघा फसलें बर्बाद हो गई है। धान की फसल खेतों जलमग्न हो गई है। हजारों बीघा गन्ना समेत आलू की फसल बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो गई।
ग्रामीणों और बेजुबानों के सामने मंडराया संकट
ग्रामीणों की माने तो, जिला प्रशासन समेत कोई भी जनप्रतिनिधि भी उनकी मदद नहीं कर रहा है। ग्रामीणों के सामने खाने पीने का संकट मंडरा रहा है। और सबसे ज्यादा परेशानियां तो बेजुबानों को हो रही है। जिनको न तो चारा मिल पा रहा है न ही भूसा। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, जिला प्रशासन का कोई अधिकारी ग्रामीणों को देखने तक नहीं आया है। बता दें कि, नरौरा बांध से गंगा में सुबह 75 हजार 913 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे जलस्तर और बढ़ने की आशंका है। गंगा का जलस्तर 137.05 पर है। रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान 137.10 से 65 सेमी ऊपर 137.75 मीटर पर पहुंच गया है। रामगंगा में खो खरेली, रामनगर से सुबह 5031 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। कंपिल क्षेत्र में बूढ़ी गंगा का जलस्तर भी उफान मार रहा है।
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कई गांवों में बिजली ठप की गई
फर्रुखाबाद से शाहजहांपुर जाने वाले मार्ग और फर्रुखाबाद से बदायूं जाने वाले मार्ग पर चित्रकूट गांव के पास चार फीट बाढ़ का पानी तेज गति से बह रहा है। पांचालघाट पर इटावा बरेली हाईवे के दोनों और भी पानी खेतों में भर गया है। बदायूं-बरेली हाइवे पर सैकड़ों वाहन अपनी जान की बाजी लगा कर हाईवे को पार कर रहे है। गंगा और रामगंगा में आई बाढ़ के पानी से गांव घिरने के कारण गांवों में बिजली बंद करने का काम शुरू कर दिया गया है। अमृतपुर क्षेत्र के 80, कमालगंज क्षेत्र के चार और शमसाबाद क्षेत्र 16 गांवों की बिजली बंद कर दी गई है। ताकि पानी में तार टूट कर गिरने से हादसा से बचा जा सकें।
आशियाने, स्कूल और सड़कें तालाब में तब्दील
बाढ़ से गांवों को जाने वाला रास्ता बंद हो गया है। कई गांवों और स्कूलों में बाढ़ का पानी भर गया है। कटरी तौफीक गांव के स्कूल पूरा तालाब बन चुका है। इससे बच्चों के साथ शिक्षक भी स्कूल नहीं जा पा रहे है। जिस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने लगी है। अमृतपुर बिकास खंड के गांव कंचनपुर सबलपुर, जगतपुर, हरसिंहपुर कायस्थ, सुंदरपुर, कछुआ गाड़ा, कुंवरपुरा, भुड़रा, तीसराम की मड़ैया, करनपुर घाट, कुड़री आदि गांव में पानी भरने से ग्रामीण परेशान हैं। उन्हें घरेलू और खाद्य सामग्री लाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। पशुओं के चारे के लिए सबसे बड़ी समस्या है। घरों में पानी भरने से लोग छतों और सड़कों पर बसेरा बनाए हैं।
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