द लीडर हिंदी, लखनऊ। मिशन 2022 से पहले समाजवादी पार्टी ने बसपा को एक और बड़ा झटका दिया है। बलिया के कद्दावर बसपा नेता और पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी और उनके बेटे आनंद चौधरी ने पार्टी छोड़ दी है।
आनंद को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार घोषित किया
अंबिका के बेटे आनंद ने बसपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीता था। आनंद के बसपा छोड़ते ही सपा ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि, प्रत्याशी घोषित करने से पहले उन्हें लखनऊ में सपा ज्वाइन कराई गई।
सपा के जिलाध्यक्ष राज मंगल यादव ने बताया कि, दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के निर्देश पर जिला पंचायत वार्ड नम्बर 45 के सदस्य आनन्द चौधरी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद का सपा का उम्मीदवार घोषित किया गया है।
2017 में बसपा में शामिल हुई थी अंबिका चौधरी
अंबिका चौधरी 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा में शामिल हुए थे। अपना त्यागपत्र देते हुए लिखा कि 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें छोटा या बड़ा कोई दायित्व नहीं सौंपा गया। इसके कारण खुद को उपेक्षित और अनुपयोगी पा रहा हूं। 19 जून को मेरे बेटे आनंद को सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है।
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जल्द सपा में शामिल हो सकती हैं अंबिका
ऐसे में मेरी निष्ठा पर किसी तरह का सवाल खड़ा हो उससे पहले ही अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती को भेज दिया है। माना जा रहा है कि, बेटे के बाद अब अंबिका चौधरी भी सपा ज्वाइन कर लेंगे। अंबिका पांच साल पहले तक सपा के कद्दावर नेता माने जाते थे। मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी होने के कारण ही सपा सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था।
अंबिका पर विश्वासघात का आरोप
बसपा विधान मंडल दल के उप नेता उमाशंकर सिंह ने पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। और कहा कि, अम्बिका ने अपने आचरण के अनुरूप कदम उठाया है।
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उन्होंने कहा कि, अम्बिका चौधरी को सपा ने निकाल दिया तो बसपा ने उन्हें सम्मान दिया और फेफना क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। उन्होंने कहा कि, अम्बिका के बेटे आनंद बसपा के उम्मीदवार के रूप में ही जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव जीते और बसपा ने उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था।
मिर्जापुर में भी बसपा को बड़ा झटका
उधर मिर्जापुर में भी बसपा को बड़ा झटका लगा है। बसपा जिलाध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इसके पीछे अजब कारण बताया है। उनका कहना है कि पार्टी नेताओं को आलीशान होटल में ठहराने के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा था।
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