80 साल की उम्र में पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम का निधन, कई दिनों से थे बीमार, अपने आवास पर ली अंतिम सांस

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द लीडर हिंदी : 80 साल की उम्र में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है. वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे.80 साल की उम्र में गुरुवार सुबह यानी आज सुबह 8.20 बजे कोलकाता स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली.उनके बेटे सुचेतन भट्टाचार्य ने उनके निधन की जानकारी दी.बुद्धदेव भट्टाचार्य साल 2000 से 2011 तक लगातार 11 साल मुख्यमंत्री के पद पर थे. बता दें वह दक्षिण कोलकाता के बालीगंज इलाके में दो कमरे के एक छोटे से सरकारी अपार्टमेंट में रहते थे. बुद्धदेव सीपीएम के पोलित ब्यूरो सदस्य थे. बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन से दुखी हूं.”ममता बनर्जी ने कहा, “मैं उन्हें कई दशकों से जानती हूं और पिछले कुछ वर्षों के दौरान जब वह बीमार थे तो मैं कई बार उनसे मिलने उनके घर गई थी.

” ममता बनर्जी ने बुद्धदेव भट्टाचार्य के परिवार, उनकी पार्टी और उनके समर्थकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है.वह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित थे और पिछले कुछ वर्षों में बहुत कम ही वह घर से निकले थे. उन्हें आखिरी बार 2019 में बाहर देखा गया था जब वह सीपीआई (एम) की एक रैली में गए थे, लेकिन धूल से एलर्जी के कारण वह शामिल नहीं हो सके और घर लौट आए.बुद्धदेव भट्टाचार्य बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे.उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत थी. पिछले कुछ समय से उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था. पिछले साल उन्हें निमोनिया भी हुआ था. लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद वे ठीक हो गए थे.

जानिए कौन थे बुद्धदेव भट्टाचार्य?
बतादें बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म एक मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में हुआ था. उनके पुरखों का घर बांग्लादेश में है. उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से बंगाली साहित्य की पढ़ाई की थी और बंगाली (ऑनर्स) में बीए की डिग्री प्राप्त की थी. बाद में वह साल 1966 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से जुड़ गए थे. उन्हें जून, 1968 में सीपीआई की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन का राज्य सचिव बनाया गया था, जिसके बाद डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया में विलय हो गया था.

सीएम पद पर रहे इतने साल
साल 2000 से 2011 तक भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे. इसके साथ ही वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के पोलितब्यूरो के सदस्य भी रह चुके हैं.

यह रहा उनका राजनीतिक जीवन
भट्टाचार्य 1982 में चुनाव हार गए, मगर पार्टी में उनका कद बढ़ गया. 1987 में वह जाधवपुर से चुनाव लड़े और जीते. इसके बाद वह जाधवपुर से ही लगातार चुनाव जीतते रहे. ज्योति बसु के दौर में ही उन्हें डिप्टी सीएम के साथ गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. बाद में वह ज्योति बसु के उत्तराधिकारी बने.बुद्धदेव भट्टाचार्य सन् 1996 में गृह मंत्री बने. बाद में सन् 1999 में उपमुख्यमंत्री का पद संभाला. इसके अलावा, 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे. साठ के दशक में वियतनाम एकजुटता समिति के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी थे.

भट्टाचार्य के निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर
बुद्धदेव भट्टाचार्य के इस दुनिया से जाते ही राजनीतिक जगत में शोक की लहर छा गई है. वरिष्ठ भाजपा नेता और बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने उनके निधन पर गहरा दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, ‘मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि बंगाल की पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है. मैं प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले.https://theleaderhindi.com/issue-of-vinesh-phogats-disqualification-raised-in-parliament-opposition-walked-out-of-the-house-after-uproar/