मनमीत देहरादून
फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा जंगलों में आग उत्तराखंड में लग रही है। गंभीर बात ये है कि पहले आग जहां गर्मियों में वनाग्नि की घटनाएं ज्यादा होती थी लेकिन अब दिसंबर और जनवरी में भी जंगल जल रहे हैं।
फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया ने गत साल उपग्रहों से जंगलों में आग लगने का सर्वे किया था। नवंबर 2019 और जनवरी 2020 के बीच सभी राज्यों को मिलाकर कुछ 1,321 अलर्ट भेजे गए थे। जबकि इस साल सर्दियों में 2,984 थे। सबसे ज्यादा 470 अलर्ट उत्तराखंड से, ओडिशा से 353 और महाराष्ट्र से 324 थे। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से 165, जम्मू और कश्मीर से 58 और मध्य प्रदेश में 264 तक मामले आये। केरल (15), असम (71 में से 64), मेघालय ( 55) और तमिलनाडु (7) जैसे बड़े राज्यों में, संख्या पर लगाम लगाने में सफल रहे हैं।
एफएसआई के उप निदेशक सुनील चंद्रा ने बताया कि शुष्क मौसम और कम बारिश के कारण इस साल संख्या अधिक है। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में सिल्विकल्चर एंड फॉरेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट डिवीजन की प्रमुख आरती चैधरी ने कहा, आग के मौसम में असामान्य बदलाव या तो वनों में जलवायु परिवर्तन या जंगलों में अधिक मानवीय हस्तक्षेप के कारण होता है।
राज्य ने फिर से किया अलर्ट जारी
उत्तराखंड के जंगल इस बार सर्दियों में बारिश न होने से इस बार जंगलों को भारी नुकसान हुआ। वन विभाग के अनुसार, पिछले दो माह में ही 450 हेक्टेयर जंगल आग से स्वाह हो चुके हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगर आगे भी ऐसे ही हालात रहे तो बहुत बडा नुकसान होने की आशंका है।
मौसम विभाग का आकंडा है कि पिछले दो माह में राज्य में बारिश का आकंडा सामान्य से सत्तर फीसद तक कम रहा है। वन विभाग के अनुसार, ये स्थिति खतरनाक है और इससे जंगलों की नमी तेजी से खत्म हो रही है। भूजल पर भी इसका असर पडा है। कई जगह से नौलों, धारों और अन्य प्राकतिक स्त्रोतों में पानी कम है।
वन विभाग ने आग पर काबू पाने के लिये राज्य के विभिन्न वन पंचायतों को बजट जारी किया है। इस बजट से वन पंचायतें चैकीदार रखने, फायर लाइन की सफाई और श्रमदान आदि का कार्य करायेंगे।