रुड़की के अस्पताल में बिना ऑक्सीजन 5 मौतों के बाद विवाद,सिलिंडर की कालाबाज़ारी का शक, तीन दिन में मांगी जांच रिपोर्ट

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द लीडर हरिद्वार ।

हरिद्वार जनपद में रुड़की के एक निजी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन न मिलने से 5 लोगों की मौत का मामला बुधवार को दिन भर विवाद का विषय बना रहा। स्थानीय अधिकारी इसके लिए पूरी तरह अस्पताल को दोषी मान रहे हैं तो अस्पताल प्रबंधन जिला प्रशासन पर ऑक्सीजन न देने का आरोप लगा रहा है। घटना की मजिस्ट्रेटी जांच हो रही है जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी ने तीन दिन में मांगी है।

मामला रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल में बने कोविड सेंटर का है। यहां 85 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। मंगलवार देर रात डेढ़ बजे ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गई। करीब बीस मिनट बाद जब तक ऑक्सीजन पहुंची और आपूर्ति सुचारु हुई, तब तक वेंटिलेटर पर लेटे एक मरीज और सिलिंडर से ऑक्सीजन ले रहे चार मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई। अस्पताल संचालक विशाल घई ने बताया कि कई बार ऑक्सीजन ज्यादा खर्च होती है। सोमवार रात में ऑक्सीजन की दिक्कत आने की आशंका के चलते रात दस बजे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को अवगत कराया गया था कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म हो रही है और ऑक्सीजन सिलिंडर से काम नहीं चल पाएगा।

इसकी जानकारी जिला नोडल अधिकारी पल्लवी गुप्ता को भी दी गई, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। किसी तरह रात में ही ऑक्सीजन पहुंच गई थी, लेकिन इस दौरान 20 से 25 मिनट तक आपूर्ति बाधित रही। इसके चलते अस्पताल में पांच मौतें हुई हैं, जिसका उन्हें दुख है। वहीं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने बताया कि रोजाना डिमांड के हिसाब से अस्पताल को दो मिट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन और 200 से अधिक सिलिंडर सप्लाई हुए हैं। अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 12 घंटे का बैकअप रखें। प्लांटों में लिक्विड ऑक्सीजन स्टॉक में नहीं है। मंगलवार सुबह जानकारी मिली कि ऑक्सीजन सिलिंडर भी पर्याप्त नहीं थे।


अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने मंगलवार को ही प्रशासन को सूचना दे थी कि ऑक्सीजन कुछ घंटे की ही बची है लेकिन उन्हें नहीं दी गई। जब स्थिति बिगड़ी तो उन्होने तीमारदारों को समस्या बताई लेकिन पूरी व्यवस्था न हो पाने से पांच लोगों की जान चली गई। इन्हें से एक वेंटिलेटर पर था। मरने वाले सभी कोरोना संक्रमित थे। इधर स्थानीय अधिकारी देर से सूचना देने की बात तो कर ही रहे हैं साथ ही अस्पताल से ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी की ओर भी संकेत कर रहे हैं। ऑक्सीजन चोरी में अस्पताल की मिलीभगत का ऐसा एक मामला तीन दिन पहले देहरादून में भी पकड़ा गया है
रुड़की की ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल का कहना है कि मामला काफी गंभीर है इसी को देखते हुए मजिस्ट्रियल जांच बिठा दी गयी है जिसके पैनल में प्रशासन के अलावा मेडिकल एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि खामी कहाँ रही है। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी रविशंकर ने 3 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं। हॉस्पिटल में मरीज कितने हैं और यहां पर ऑक्सीजन सिलेंडर कितने हैं, कहां-कहां से इनको सप्लाई मिल रही है अगर वह सप्लाई हॉस्पिटल को नहीं मिली है तो कहां पर लापरवाही बरती गई है, ये जांच के मुख्य बिंदु होंगे।

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