द लीडर | मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक 21 साल के युवक को “बुली बाई” एप्लिकेशन मामले में बेंगलुरु से हिरासत में लिया है. मुंबई पुलिस की एक स्पेशल टीम उसे लेकर मुंबई आ रही है और मुंबई लाने के बाद उस शख़्स से आगे की पूछताछ करेगी. मुंबई पुलिस की साइबर सेल को मिली शिकायत के बाद से ही साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही थी. एफ़आईआर के मुताबिक़ बुली बाई एक ऐसा एप्लिकेशन है जहां पर नामचीन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर पोस्ट कर उनकी बोली लगाई जाती थी.
हम अपराधियों का लगातार पीछा कर रहे हैं: मंत्री
गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने कहा, “मुंबई पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. हालांकि हम इस समय विवरण का खुलासा नहीं कर सकते क्योंकि इससे चल रही जांच में बाधा आ सकती है, मैं सभी पीड़ितों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपराधियों का लगातार पीछा कर रहे हैं और वे जल्द ही कानून का सामना करेंगे.”
Update on #BulliBai case:@MumbaiPolice has got a breakthrough.Though we cannot disclose the details at this moment as it may hamper the ongoing investigation, I would like to assure all the victims that we are proactively chasing the culprits & they will face the law very soon.
— Satej (Bunty) D. Patil (@satejp) January 3, 2022
‘बुली बाई’ ऐप मामले पर मुंबई पुलिस ने बेंगलुरु से हिरासत में लिए गए संदिग्ध की उम्र के अलावा उसकी पहचान का खुलासा नहीं किया है. पुलिस ने अज्ञात अपराधियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. मुंबई पुलिस सूत्रों ने कहा कि आरोपी छात्र एक आपत्तिजनक ट्विटर हैंडल चला रहा था और कंटेंट अपलोड कर रहा था.
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100 मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर अपलोड
पुलिस सूत्रों ने बताया की “बुली बाई” एप्लिकेशन पर क़रीब 100 नामचीन मुस्लिम महिला की तस्वीरें अपलोड की गई थी. जिसमें कुछ पत्रकार भी है और उनके फ़ोटो अपलोड कर उन फ़ोटो की बोली लगाई जा रही थी. इस मामले में आरोपी को कल गिरफ़्तार दिखाया जा सकता है और पुलिस उसे कोर्ट में पेश कर सकती है.
इस मामले की जांच करने के लिए साइबर सेल ने ट्विटर को लिखा था. ऐसा इसलिए क्यूंकि बुली बाई से जुड़े 3 ट्विटर हैंडल की जानकारी पुलिस को मिली थी. इस एप्लिकेशन को लेकर मिली शिकायत के बाद ही मुंबई पुलिस ने बुली बाई एप्लिकेशन बनाने वाले डोमेन गूगल को लिखा और इस एप्लिकेशन को बंद करवा दिया था.
दिल्ली पुलिस ने भी लिया संज्ञान
इससे पहले दिन में, दिल्ली पुलिस ने डोडी एप्लिकेशन के डेवलपर के बारे में गिटहब प्लेटफॉर्म से विवरण मांगा और ट्विटर से अपने प्लेटफॉर्म पर संबंधित “आक्रामक सामग्री” को ब्लॉक करने और हटाने के लिए कहा. पुलिस ने ट्विटर से ऐप के बारे में सबसे पहले ट्वीट करने वाले अकाउंट हैंडलर के बारे में भी जानकारी मांगी है. रविवार को, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई में पुलिस के साथ काम कर रही है, जहां इस संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं.
किन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज
अज्ञात अपराधियों के खिलाफ धारा 153 (ए) (धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 (बी) (आरोप, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे), 295 (ए) (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण) के तहत मामला दर्ज किया गया है. कृत्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का इरादा, 354क् (पीछा करना), 509 (शब्द, इशारा या किसी महिला की शील का अपमान करने का इरादा), भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (आपराधिक मानहानि) और धारा 67 (अश्लील सामग्री का प्रकाशन या संचारण) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के इलेक्ट्रॉनिक रूप में.
क्या है बुली बाई मामला
दरअसल, शनिवार के दिन एक महिला पत्रकार ने ‘बुल्ली बाई’ ऐप पर ‘डील ऑफ द डे’ बताकर बेची जा रही अपनी तस्वीर को शेयर किया. पत्रकार ने ट्विटर पर कहा, “यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है.” इस ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं “नीलामी” के लिए सूचीबद्ध की गयी थी, जिनकी तस्वीरों को बिना अनुमति से लिये उनसे छेड़छाड़ कर डाला गया.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने उठाया सवाल
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर ऐप से संबंधित मामले में कार्रवाई तेज करने को कहा था ताकि इस तरह के अपराध फिर नहीं हों. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा, “मामले में जारी जांच के तहत हमने ट्विटर को पत्र लिखकर उस अकाउंट हैंडल के बारे में जानकारी मांगी है जिसने सबसे पहले ‘बुली बाई’ ऐप के बारे में ट्वीट किया था.” उन्होंने कहा, “यह पता लगाने के लिए ऐसा किया जा रहा है कि संबंधित लोग उस ऐप से कैसे जुड़े जिसमें एक समुदाय विशेष की महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी जा रही हैं.”