#FarmersProtest: टोहाना में जीते किसान, आंदोलन समाप्त करने का ऐलान

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farmer movement 138th day celebrated Ambedkar Jayanti Constitution Save Day
किसान आंदोलन

हरियाणा के टोहाना में कई दिन से जारी किसान आंदोलन जीत के साथ आज समाप्त हाे गया। तमाम कोशिशों के बाद खट्टर सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ा और उनकी मांगों को मानना पड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा ने सत्तारूढ़ नेताओं और दलों के प्रतिनिधियों के विरोध के लिए मर्यादा सूत्र भी तय किया है, जिसे आगे के आंदोलन में अपनाया जाएगा। टोहाना में सत्तारूढ़ जेजेपी के एमएलए देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को अपशब्द कहे जाने और उसका विरोध करने वाले निर्दोष किसान नेताओं की गिरफ्तारी के जवाब में यह आंदोलन चल रहा था।

संयुक्त किसान मोर्चा ने टोहाना आंदोलन के सिलसिले में जारी ताजा प्रेस बयान में आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की है। किसान नेताओं ने बताया कि टोहाना आंदोलन की पहली मांग थी कि जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली अपने अपशब्दों के लिए खेद व्यक्त करें और अपने सहयोगियों द्वारा लगाए केस को वापस लें।

आंदोलन का दबाव बनने पर 5 जून को विधायक ने खेद प्रकट किया, जिसे संयुक्त किसान मोर्चा की स्थानीय समिति ने स्वीकार कर लिया। इसके अलावा विधायक के सहयोगियों ने हलफनामा देकर यह कह दिया है कि केस को रद्द किए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है। मामले में गिरफ्तार किसान मक्खन सिंह को रिहा कर दिया गया है। इस तरह उस मामले का समाधान हो चुका है।

आंदोलन की दूसरी मांग पुलिस द्वारा विधायक के घर की तरफ जाते हुए हमारे किसानों के विरुद्ध मुकदमे (FIR 103) और दो गिरफ्तार किसानों की रिहाई के बारे में थी। कल रात दोनों विकास सीसर और रवि आजाद को रिहा कर दिया गया। प्रशासन और पुलिस के साथ बातचीत के बाद यह तय हुआ है की इस केस (FIR 103) को सरकार की तरफ से वापस ले लिया जाएगा। आंदोलन की सफलता की रोशनी में स्थानीय समिति ने विधायक के खिलाफ पूर्व घोषित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।

इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा 4 जून को सिंघु बॉर्डर की अपनी बैठक में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चल रहे विरोध कार्यक्रमों के बारे में मर्यादा सूत्र तय कर चुका है। जिसके तहत घोषित किया गया है कि विरोध के कार्यक्रम केवल सरकारी या राजनैतिक आयोजन तक सीमित रहेंगे।

किसी भी प्राइवेट आयोजन (जैसे शादी, तेहरवी, पारिवारिक फंक्शन इत्यादि) में इन नेताओं और जनप्रतिनिधियों का विरोध नहीं किया जाएगा। यह विरोध प्रदर्शन शांति पूर्वक तरीके से काले झंडे दिखाने, नारे लगाने आदि तक सीमित रहेगा। विरोध प्रदर्शन में हिंसा या तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है।

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