विवादों के बीच यूपी का ज़िला बरेली मुस्लिम लड़कियों की हिंदू लड़कों के साथ शादी का गढ़ बन रहा है. पखवाड़े के दौरान ही तीसरी लड़की ने सात फेरे लिए हैं. उससे पहले की बात करें तो अकेले 84 शादियां मढ़ीनाथ के अगस्त मुनि आश्रम में आचार्य पंडित केके शंखधार करा चुके हैं. दूसरे मंदिरों में होने वाली शादियां अलग हैं. इस बार जो शादी हुई है वो भुता थाने के सामने श्री अयोध्या धाम में की गई. थाने की पुलिस ने भी इस शादी में बराती बनकर हिस्सा लिया.
यह शादी इसलिए भी अहम है, क्योंकि दूल्हे का प्रोफाइल बढ़ा है. वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS में भुता के खंड विद्यार्थी प्रमुख हैं. भाजपा से जुड़े हैं और जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुके हैं. उन्होंने जिस लड़की से मंदिर में सात फेरे लिए वो क़स्बे की ही फ़राह अंसारी हैं, जिनसे उनकी दोस्ती कक्षा आठ में पढ़ने के दौरान हुई. दोनों एक ही प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट हैं. फ़राह की पढ़ाई घरवालों ने हाई स्कूल के बाद बंद करा दी लेकिन राम पढ़ते रहे. अब वो अपने नाम के आगे इंजीनियर लिखते हैं. लड़की के घरवालों को जब राम से फ़राह का मेलजोल नागवार गुज़रा तो उसकी शादी पूरनपुर में तय कर दी. फ़राह ने विरोध किया तो बताते हैं कि उसके मामा ने कमरे में बंद करके पिटाई की. तब राम उसके घर पहुंच गए. मारपीट का विरोध किया.
बाद में फ़राह घर से चली आई. पुलिस से उसने घरवालों की शिकायत की है. जान का ख़तरा जताया. इसके बाद उसने थाने के सामने ही मंदिर में राम के साथ सात फेरे लेकर विवाह कर लिया. इस दौरान थाने की पुलिस भी मौजूद रही. इस बारे में इंस्पेक्टर राजेश बाबू मिश्रा से बात की तो उनका कहना था कि थाने के सामने विवाह हो रहा था. इस वजह से पुलिस वहां चली गई थी. हमारे पास किसी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है. बहरहाल, पुलिस अभी टीचर नेहा अस्मत और प्रमुख मदरसे में पढ़ चुकी इफ़रा के धर्मपरिवर्तन के बाद शादी को लेकर तफ़्तीश में जुटी है, अब जल्द ऐसी तीसरी शादी का मामला सामने आ गया.