बरेली में कमांडेंट के नाम वसूली, 10 हज़ार रिश्वत लेते होमगार्ड ट्रैप

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द लीडर हिंदी : होमगार्ड विभाग में ड्यूटी के नाम पर वसूली के इल्ज़ाम अक्सर सामने आते हैं. लेकिन यूपी के ज़िला बरेली में सुबूत के साथ राज़फ़ाश हुआ है. भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन टीम) ने उस होमगार्ड को रंगे हाथों दबोचा है, जो ज़िला कमांडेंट के नाम पर 10 हज़ार की रिश्ववत एक होमगार्ड से ले रहा था.और उससे कर रहा था कि ड्यूटी फिर से बहाल कर दी जाएगी. बता दें मांग 30 हज़ार की हुई थी.20 हज़ार बाद में देने की बात तय हुई. जिससे 10 हज़ार की रिश्वत ली गई. वो होमगार्ड सतीश चंद्र वर्मा हैं और जिस होमगार्ड को रिश्वत के रुपये लेते पकड़ा गया, उसका नाम गौरव सिंह चौहान है. वो होमगार्ड कमांडेंट के कार्यालय में ही तैनात है.

सतीश चंद्र वर्मा को महज़ इस बात के लिए ड्यूटी से निलंबित किया गया था. भाई से मारपीट के बाद उनके पिता ने एनसीआर दर्ज करा दी. जब उसने होमगार्ड कमांडेेट से बहाल किए जाने की मांग की तो पैसे देने की डिमांड हुई. तब यह मामला एंटी करप्शन तक पहुंचा. तब जाल बिछाने के बाद दोपहर सैटेलाइट बस स्टैंड के पास से गौरव सिंह चौहान को 10 हज़ार की रिश्वत लेते दबोच लिया गया. वो एक्टिवा स्कूटी से आया था.

टीम ने जब स्कूटी की डिग्गी खुलवाकर देखी तो उसमें 500-500 के नोटों की गड्डी मिली. जब गिनती की गई तो एक लाख रुपये निकले. गौरव सिंह चौहान नहीं बता सका कि ये एक लाख रुपये उसके पास कहां से आए. उसे पुलिस के हवाले करने के बाद बिहारीपुर और हरुनगला में उसके घर की तलाशी लेने के लिए भी टीम पहुंची लेकिन उससे पहले ही उसकी पत्नी वहां से हट चुकी थी.

इससे मतलब साफ है कि होमगार्ड विभाग में वसूली किस मार्फत से कराई जा रही है, एंटी करप्शन के ट्रैप टीम प्रभारी एसीओ आनंद कुमार वर्मा ने बारादरी थाने में मुक़दमा भी दर्ज करा दिया है. होमगार्ड गौरव सिंह चौहान के साथ ज़िला कमांडेंट होमगार्ड शैलेंद्र प्रताप सिंह को भी नामज़द किया है. आधा सच सामने आ चुका. पुलिस चाहेगी तो पूरा सच सामने आ जाएगा. विभाग पर लगने वाले इल्ज़ाम सच में तब्दील हो सकते हैं.