द लीडर हिंदी : कैसे होगी 2024 की नैया पार. सभी छोड़कर जा रहे है साथ. ये लाइने सटीक बैठती है समाजवादी पार्टी पर. क्योकि दिन बा दिन सपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफा देने के बाद सलीम शेरवानी ने भी सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि सपा मुसलमानों का भरोसा खो रही है. सलीम शेरवानी बदायूं से लोकसभा सदस्य रहे हैं. वही राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से सपा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं.
रविवार को पार्टी के एक और राष्ट्रीय महासचिव सलीम शेरवानी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि वह राज्यसभा टिकट न मिलने से नाराज थे.इसके साथ ही अपने इस्तीफे को लेकर अखिलेश यादव को लिखे गए पत्र में उन्होंने मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया और कहा कि सपा मुसलमानों का भरोसा खो रही है. सलीम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं.
जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा.सलीम ने कहा कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया. बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी. मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में हैं. मुझे लगता है सपा में रहते हुए मैं मुसलमान की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता.इसके साथ ही सलीम शेरवानी ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से अपने पीडीए का नाम लिया लेकिन राज्यसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते.
समाजवादी को इस तरह का नुकसान लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकता है. क्योकि जिस तरह लगातार खबरे मिल रही है. राजनीति जगत में बड़ा बदलाव आ रहा है.उससे तो ये साबित हो रहा 2024 की डगर काफी कांटों भरी होने वाली है