द लीडर हिंदी: ईदमिलादुन्नबी पर जश्न का आग़ाज़ हो चुका था. बच्चे, नौजवान, बुज़ुर्ग और महिलाएं नये-नये कपड़े पहनकर आक़ा की आमद मरहबा कहने को बेताब थे. यूपी के ज़िला बरेली में पुराना शहर का इलाक़ा सजकर दुल्हन बन चुका था. आज़ाद इंटर कॉलेज से लेकर मालियों की पुलिया, रबड़ी टोला, रज़ा चौक, सैलानी, मीरा की पैंठ, जगतपुर और उससे आगे तक सड़कें रंग-बिरंगी रोशनी, चमकीली झालरों से जगमगा रही थीं. बस इंतज़ार था, जुलूस के आग़ाज़ का, जिसे तय वक़्त पर इसलिए शुरू नहीं किया गया क्योंकि जोगीनवादा और बुऱख़ारपुरा में रूट को लेकर विवाद खड़ा हो गया था.