Economic Survey 2024: आर्थिक सर्वे सदन में पेश, सत्र से पहले पीएम मोदी ने कह दी बड़ी बात

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द लीडर हिंदी : केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्त वर्ष 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण लोकसभा में पेश किया.इस आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने कहा है कि सेवा क्षेत्र एक प्रमुख रोजगार प्रदाता बना हुआ है.वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र शुरू होने से पहले संसद के बाहर कहा कि 60 साल बाद कोई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है और तीसरी पारी का पहला बजट पेश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह बजट अमृत काल का महत्वपूर्ण बजट है. यह बजट हमारे अगले पांच साल के कार्य की दिशा तय करेगा.

यह बजट 2047 में हमारे विकसित भारत के सपने की नींव रखेगा.पीएम ने कहा कि सभी देशवासियों के लिए गर्व का विषय है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज़ गति से बढ़ने वाला देश है.साथ ही पीएम ने कहा कि पिछले संसद सत्र के दौरान विपक्ष ने उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की.प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने कहा कि ‘मैं देश के सभी सांसदों से आग्रह करना चाहता हूं कि हमें जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, जनता ने अपना जनादेश दे दिया है अब हमें आने वाले पांच सालों के लिए देश के लिए लड़ना है.

‘उन्होंने कहा कि ‘मैं सभी दलों से कहना चाहूंगा कि अगले चुनावों से पहले तक देश के किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं को सशक्त करने लिए एक जनभागीदारी का आंदोलन हम खड़ा करें और अपनी पूरी ताकत लगाएं.’पीएम ने कहा कि ‘मैं बहुत दुख के साथ कहना चाहूंगा कि कुछ सांसदों को अपने क्षेत्र की बातें रखने का मौका नहीं मिला क्योंकि कुछ राजनीतिक दलों ने अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढाकने के लिए देश की संसद के महत्वपूर्ण समय का गलत प्रयोग किया है.’उन्होंने कहा कि ‘नई संसद का गठन होने के बाद पहले सत्र में चुनी हुई सरकार की आवाज़ को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास किया गया. 2.5 घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोटने का उनकी आवाज़ को दबाने का प्रयास किया गया. लोकतांत्रिक परंपराओं में इसका कोई स्थान नहीं हो सकता है.’उन्होंने कहा कि देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है, यह सदन दल के लिए नहीं देश के लिए है.