द लीडर हिंदी : आज पूरा देश संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की 134वीं जंयती मना रहा है. इस मौके यूपी की राजधानी लखनऊ CM योगी ने डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. भाजपा यूपी के 1.63 लाख बूथों पर समरसमता दिवस मनाएगी. वही बरेली के थाना कोतवाली क्षेत्र के अंबेडकर पार्क में अंबेडकर जी का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया.
बता दें हर साल 14 अप्रैल को विधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाई जाती है.उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद के सुधारों में भी अहम योगदान दिया है. इसके अलावा बाबासाहेब ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके जीवन को जानने पर पता चलता है कि भीमराव अंबेडकर अध्ययनशील और कर्मठ व्यक्ति थे. अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति, कानून, दर्शनशास्त्र और समाजशास्त्र का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया था.
उन्हें संविधान निर्माता इसलिए कहा जाता है, क्योंकि भारतीय संविधान के निर्माण में उनका अमूल्य योगदान रहा. साथ ही दलित समाज के लिए भी बी आर आंबेडकर ने महत्वपूर्ण कदम उठाए. उनको अपने जीवन में अनेक सामाजिक बाधाओं का सामना करना पड़ा था, लेकिन उन्होंने अपना सारा जीवन पढ़ने-लिखने व ज्ञान हासिल करने में नहीं बिताया. उन्होंने अच्छे वेतन वाले उच्च पदों को ठुकरा दिया, क्योंकि वह अपना जीवन समानता, भाईचारे और मानवता के लिए समर्पित कर दिया था. उन्होंने दलित वर्ग के उत्थान के लिए भरसक प्रयास किये. आइए जानते हैं उनके जीवन के बारे में और उनके प्रेरणादायी विचारों को.
बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था, वह अपने माता-पिता की 14वीं और अंतिम संतान थे. इनके पिता सूबेदार रामजी मालोजी सकपाल थे, जोकि ब्रिटिश सेना में थे. बीआर अंबेडकर के पिता संत कबीर के अनुयायी थे. भीमराव रामजी अंबेडकर लगभग दो वर्ष के थे, तब उनके पिता रिटायर हो गये थे. वहीं जब वह केवल छह वर्ष के थे तब उनकी माता की मृत्यु हो गई थी.
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