द लीडर हिंदी : फ़िल्म डर में शाहरुख़ ख़ान किरण और उसके प्रेमी को सिर्फ डराता था. लेकिन बरेली के एक सिरफिरे आशिक ने सारी हदे पार कर दी. बेटी का रिश्ता क़ुबूल नहीं किया तो प्रेमी ने प्रेमिका की मां और भाई पर हथौड़े के वार उन्हे मौत के घाट उतार दिया..गणतंत्र दिवस के मौके पर ये दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था.पहले ये हत्याकांड लड़की का रिश्ता टूटने का बताया जा रहा था. बता दें इज़्ज़तनगर थाने के इलाक़े में एक साथ दो क़त्ल ने जहां शिद्दत की सर्दी में अफसरों की पेशानी पर पसीना और सुनने वालों को हिल दिया था.
पुलिस शुरूआती तफ़्तीश में थोड़ी उलझी लेकिन फिर आगे बढ़ती चली गई. उलझने की वजह यह थी जिन मीना और उनके बेटे नेत्रपाल का क़त्ल हुआ था, उनके पति ने शक के आधार पर मीरगंज के गांव में रहने वाले पिता-पुत्र को ज़िम्मेदार ठहरा दिया था. यह वजह बताते हुए कि उनकी बेटी की यहीं करने जा रहे थे लेकिन लड़के का चालचलन ठीक नहीं होने पर रिश्ता 15 दिन पहले ही तोड़ दिया था. पुलिस ने जब दोनों पिता-पुत्र के बारे में जानकारी की तो लोकेशन पंजाब की मिली. तब पुलिस ने पीड़ित परिवार में मोबाइल चेक किए.
जिस लड़की का रिश्ता तोड़ने के शक पर क़त्ल की बात की जा रही थी, उसके मोबाइल की जानकारी ने पुलिस के कान खड़े कर दिए. वो पिछले छह साल से एक नंबर पर पांच से छह घंटे तक बात करती थी. वो पड़ोसी गांव रजुपुरा माफ़ी के राशिद का था. तब राशिद को पुलिस ने उठा लिया. पूछताछ में वो टूट गया. पुलिस ने आला-ए-क़त्ल उस हथौड़े को भी बरामद कर लिया, जिससे मां-बेटे को सिर में प्रहार करके मारा गया था.
शव देखने से पुलिस को भी लग रहा था कि क़त्ल गोली मारकर किए गए हैं लेकिन पोस्टमार्टम में गोली नहीं निकली. वज़नी चीज़ से प्रहार का पता चला. पहले आप एसपी सिटी की बात सुनिए-फिर हम आपको दोहरे क़त्ल में गिरफ़्तार राशिद के बारे में बताएंगे. पुलिस का कहना है कि राशिद पहले से शादीशुदा है. उसकी एक छह माह की बेटी भी है. मृतिका की बेटी से शादी की ख़ातिर वो अपना धर्म बदलने के लिए तैयार था.
बीवी और छह माह की बेटी को भी छोड़ने का वायदा कर रहा था. मीना ने फिर भी इन्कार कर दिया. तब वो ग़ुस्सा होकर उनके बेटे नेत्रपाल को चौकी अहलादपुर के पास नर्सरी में ही हथौड़े से मारने लगा. मीना देवी ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने उन्हें भी मार डाला.
पुलिस का कहना है कि इस दौरान राशिद के शरीर पर मीना देवी के नाख़ून से खरोंच के निशान भी बन गए थे. ख़ैर एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान के निर्देशन में इज़्ज़तनगर थाने की पुलिस और एसओजी ने कड़ी मेहनत के बाद 24 घंटे के भीतर ही डबल मर्डर का राज़फ़ाश कर दिया. असल क़सूरवार को सलाख़ों के पीछे पहुंचा दिया बल्कि दो बेगुनाहों को जेल जाने से भी बचा लिया.